Bihar Election 2025: मतदान से पहले हो गया नामांकन रद्द, जानिए अब उम्मीदवारों के पास कौन सा है रास्ता, चुनाव से जुड़े इस नियम को जान लीजिए

Bihar Election 2025: पहले चरण के नामांकन के बाद 53 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हो चुका है। ऐसे में चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है। आइए जानते हैं कि अब प्रत्याशियों के पास क्या विकल्प है...

चुनाव आयोग
अब क्या करेंगे उम्मीदवार? - फोटो : social media

Bihar Election 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सियासी सरगर्मी तेज है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब उम्मीदवारों के पर्चों की जांच (स्क्रूटनी) चल रही है। इसी दौरान कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो गए हैं। अब तक 53 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हो चुका है। इनमें सबसे बड़ा झटका एनडीए गठबंधन को लगा है क्योंकि भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन तकनीकी खामी के चलते रद्द कर दिया गया है। सीमा सिंह ने एलजेपी (रामविलास) के टिकट पर मढ़ौरा विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था। शनिवार को रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की जांच के बाद उनका पर्चा रद्द कर दिया गया। सीमा सिंह के पर्चा रद्द होने के बाद एनडीए की इस सीट पर चुनावी स्थिति कमजोर हो गई है।

नामांकन रद्द होने के कारण —क्या कहता है नियम

चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, उम्मीदवार को नामांकन भरते समय प्रस्तावक, हलफनामा और जमानत राशि जमा करनी होती है। मान्यता प्राप्त पार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ एक प्रस्तावक की जरूरत होती है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार को कम से कम 10 प्रस्तावकों के हस्ताक्षर करवाने होते हैं। सामान्य वर्ग के लिए 10 हजार रुपये और SC/ST उम्मीदवारों के लिए 5 हजार रुपये की जमानत राशि तय है। नामांकन के साथ उम्मीदवार को अपनी संपत्ति, देनदारियों, आय-व्यय, परिजनों की वित्तीय स्थिति और आपराधिक मामलों की जानकारी हलफनामे में देनी होती है। अगर किसी भी कॉलम में जानकारी अधूरी है, हस्ताक्षर या पता गायब है, हलफनामा या जमानत राशि समय पर जमा नहीं हुई है, तो रिटर्निंग ऑफिसर नामांकन रद्द कर सकता है।

नामांकन रद्द होने के बाद आगे क्या करें उम्मीदवार 

नामांकन की स्क्रूटनी के बाद किसी उम्मीदवार का पर्चा मंजूर या खारिज करना रिटर्निंग ऑफिसर (RO) का विशेषाधिकार होता है। RO को अगर किसी भी दस्तावेज़ में गड़बड़ी दिखती है तो वह नामांकन रद्द कर सकता है। हालांकि, RO का फैसला अंतिम माना जाता है, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद उम्मीदवार इसे अदालत में चुनौती दे सकता है। अगर अदालत यह मानती है कि नामांकन गलत तरीके से रद्द हुआ था, तो उस सीट का चुनाव रद्द कर नए सिरे से मतदान कराया जाता है।

53 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द 

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों पर कुल 158 प्रत्याशी अब मैदान में हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, स्क्रूटनी के दौरान 53 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए। जानकारी के मुताबिक, जिले में 10 से 17 अक्टूबर के बीच कुल 211 उम्मीदवारों ने 314 नामांकन सेट में पर्चे दाखिल किए थे। जांच के बाद 158 नामांकन वैध पाए गए, जिनमें 139 पुरुष और 19 महिलाएं शामिल हैं। इस बार भी महिला प्रत्याशियों की संख्या काफी सीमित रही है, जबकि तीसरे लिंग श्रेणी से कोई उम्मीदवार नहीं है।