Bihar counting: बिहार में एनडीए की प्रचंड वापसी तय, भाजपा बनी नंबर-1, जेडीयू का ट्वीट बना सियासी चर्चा का विषय

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जेडीयू ने लिखा— “न भूतो, न भविष्यति... नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।” हालांकि कुछ देर बाद ही पार्टी ने यह पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक यह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बड़ा मुद्दा बन चुका था।

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बिहार में एनडीए की प्रचंड वापसी तय- फोटो : social Media

Bihar counting: रुझानों ने यह साफ़ कर दिया कि दो दशकों से बिहार की सियासत को अपने इर्द-गिर्द घुमाने वाले नीतीश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितना वे 2005 में थे। नीतीश की लोकप्रियता किसी जुमले से नहीं, बल्कि जमीनी विकास और समावेशी नीति की बदौलत बनी है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती जारी है और अब तक के रुझान यह साफ संकेत दे रहे हैं कि राज्य में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। दोपहर ढ़ाई बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए ने डबल सेंचुरी के पार बढ़त हासिल कर ली है। भाजपा शानदार प्रदर्शन करते हुए 92 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। इसके तुरंत बाद जेडीयू है, जो 80 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इन रुझानों ने बिहार की सियासत में एनडीए की मजबूती का स्पष्ट संदेश दे दिया है।

 जेडीयू के एक ट्वीट ने अचानक पूरे राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जेडीयू ने लिखा— “न भूतो, न भविष्यति... नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।” हालांकि कुछ देर बाद ही पार्टी ने यह पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक यह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बड़ा मुद्दा बन चुका था। इस ट्वीट से मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलों का बाजार तेज हो गया। जबकि एनडीए ने पूरा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा था, पर भाजपा के बड़े प्रदर्शन के बाद सियासी गणित बदलता दिख रहा है।

भाजपा नीत एनडीए 243 में से 204 सीटों पर बढ़त के साथ प्रचंड जीत की ओर बढ़ रहा है। भाजपा के बाद जेडीयू दूसरे स्थान पर है। चिराग पासवान की पार्टी 21 सीटों पर आगे है, जबकि हम और आरएलएम चार-चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ महागठबंधन के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा है। आरजेडी केवल 28 सीटों पर आगे है, कांग्रेस छह पर और वाम दल पांच सीटों पर ही बढ़त पा सके हैं।

इन नतीजों से भाजपा की राजनीतिक स्थिति और मजबूत होगी तथा पिछले लोकसभा चुनाव में मिले झटके की भरपाई होने की उम्मीद है। दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में शानदार प्रदर्शन के बाद बिहार चुनाव के ये रुझान भाजपा के लिए बड़ी राजनीतिक उपलब्धि साबित हो रहे हैं।