अश्लील गायकों के दीवाने सियासी दल! 'अभी ले महके करुआ तेल... डलवा ला ना डलवा ना.. चाची के बाची सपनवां में आती है', वालों पर मेहरबानी
भोजपुरी गानों के नाम पर अश्लीलता परोसने का आरोप जिनपर लगता रहा है उनके लिए सियासी दलों के दरवाजे तुंरत खुल जाते हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों का दरी बिछाने वाले कार्यकताओं को भले ही उम्मीदवार बनाने में सियासी दलों ने बड़ा दिल नहीं दिखाया हो. लेकिन, लंदन से लवंडिया लाने वाले, समान बा भतार के, एगो चुम्मा से जतरा बनाने वाले, देवरा ढ़ोरी चटना बा जैसे अश्लील गाने गाने वालों को सभी दलों ने टिकट देने में एक मिनट की देरी नहीं की. साथ ही ऐसे गायक-गायिकाओं और नचाने वालों को बिहार की कला-संस्कृति का संवाहक और संरक्षक बताकर जनता के सामने पेश कर रहे हैं.
“एगो चुम्मा ले लs राजाजी.. बन जाई जतरा.." बिहार के भूतपूर्व संस्कृति मंत्री बिनय बिहारी इस गाने से भाजपा का जतरा पिछले कई वर्षों से बना रहे हैं. विवादित और अश्लील गानों के चक्कर में बिनय बिहारी पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया था. उनके गानों के बोल पर गौर कीजिये - झे साया के ना डोरी, ए घोड़ा हिम्मत ना हारी, डलवा ला ना डलवा ना लहंगा उठाकर ... बेचारा आम आदमी एक बार इन गानों को सुने तो शर्म से पानी पानी हो जाए. लेकिन भाजपा ने बिनय को बिहारी अस्मिता का सूचक बताकर लौरिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. हालांकि बिनय बिहारी तो नीतीश कुमार पर भी हमला बोलते रहे हैं. एक बार उन्होंने कहा था 'पद पक्षी आ क्षेत्र पिंजड़ा हो गईल, नीतीश जी के राज में विधायक लोग हिजड़ा हो गईल।'
अब आइये बिहार में नए किस्म की सियासत करने आये प्रशांत किशोर पर. पीके पर भले ही उनके कई कार्यकर्ता मेहनत कराकर टिकट नहीं देने का आरोप लगा रहे हों. लेकिन लवंडिया लंदन से लाएंगे रात भर डीजे बजाएंगे... गाने वाले रितेश पांडे को टिकट देने में जरा भी देरी नहीं हुई. “लागे कइलू जवानी आपन तू सेल - अभी ले महके करुआ तेल”... जैसा अश्लील गाना गाकर रितेश पांडे खूब सुर्खियां बटोर चुके हैं.
राजद भी इसमें एक कदम पीछे नहीं हैं. उनके छपरा से उम्मीदवार हैं खेसारी लाल यादव. चाची के बाची सपनवां में आती है ... यानी इनके सपने में चाची की बेटी आती है. विवाद बढ़ा तो खेसारी को माफ़ी मांगना पड़ा. देवरा ढ़ोरी चटना बा और 'आप का तो टेरहा है' जैसा गाकर अक्सर भोजपुरी को अश्लीलता का परिचायक बनाने में वे पीछे नहीं रहे हैं. ‘अबकी यादव जी के झंडा तोहरा लहंगा में फहरी’ गाने वाले खेसारी पर यादव कितना भरोसा करेंगे यह तो 14 नम्वबर को पता चलेगा.
वहीं सिनेमा की दुनिया में काम कर चुके चिराग पासवान तो आइटम गर्ल ले आये हैं. सीमा सिंह को उन्होंने मढौर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.' राते से दर्द ब, रात बारह बजे आना... ‘मिसिर जी तू तो बाड़ बड़ा ठंडा’ ... हमर समान बा भतार के... और ना जाने अश्लीलता की चासनी लगाकर इन्होने क्या क्या परोसा है. अब सीमा बिहार का कला संस्कृति की परिचायक बनी वोट मांग रही हैं.
हालांकि चुनाव लड़ने की तैयारी में पवन सिंह भी थे. इनका गाना “कमरिया करे लपालप लॉलीपॉप लागेलू" से लेकर कई बंगाल की लड़कियों को अपने गानों में मस्त माल बता चुके हैं. "जनी जा कमाए कलकतिया राजा. मार ली सवतिया मतीया राजा." जैसे इनके गीत इतने विवादित हुए कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में आसनसोल से भाजपा ने टिकट देकर इनसे वापस ले लिया.
भोजपुरी गानों पर गर्व करें या शर्म करें, इस फेहरिस्त में कल्लू और सनिया जैसे का गाया गाना भला कौन भूल सकता है. "लगाई दिही चोलिया में हुक राजा जी...और ओही रे जगहिया दांते काट लिहले राजा जी".. बजाकर नेता जी वोट मांग रहे हैं.
इन सबके बीच youtube के जमाने में कम उम्र में ज्यादा लोकप्रिय हुई मैथिलि ठाकुर भी भाजपा की पसंद बनी हैं. सिया के सजन मोरा बड़ा रे दुलारुआ... जैसा गाने वाली मैथिलि अब भाजपा का टिकट लेकर चुनावी मैदान में हैं.
हम तो यही कहेंगे भाषा व्यक्ति के व्यक्तित्व और संस्कारो की निशानी होती है......समाज हमारे ऊपर कई अच्छे - बुरे निर्णय केवल हमारी भाषा को सुन कर ही लेता है. फिर भी हम अपनी भाषा शैली में कोई परिवर्तन नहीं लाते तो तो यह हमारे संकुचित सोच का परिचायक होता है. और अश्लीलता को सामाजिक शोभा बनाने वाले राजनीतिक दलों को भी इस पर विचार करना चाहिए.