Bihar Vidhansabha Chunav 2025: जाले सीट पर फिर विवाद की गूंज, कांग्रेस ने मोहम्मद नौशाद को दिया टिकट, वही नेता जिनके मंच से पीएम मोदी पर हुई थी अभद्र टिप्पणी!
जाले से कांग्रेस के प्रत्याशी नौशाद वही नेता हैं जिनके मंच से राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द बोले गए थे।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा की जाले सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। कांग्रेस ने इस सीट से युवा नेता मोहम्मद नौशाद को प्रत्याशी बनाया है। नौशाद वही नेता हैं जिनके मंच से राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द बोले गए थे। उस समय इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था और कांग्रेस को देशभर में भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने तमाम विवादों के बावजूद नौशाद पर भरोसा जताया है। नौशाद शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगे। जाले सीट पर कांग्रेस और आरजेडी के बीच अंत तक सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी चलती रही, लेकिन अंततः यह सीट कांग्रेस के खाते में गई।
बता दें 2019 में भी कांग्रेस ने इसी सीट से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मशकूर उस्मानी को टिकट दिया था। तब भी बड़ा विवाद खड़ा हुआ था, क्योंकि बीजेपी ने उन पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर का समर्थन करने का आरोप लगाया था। उस विवाद का असर मिथिलांचल की कई सीटों पर पड़ा था, जिससे कांग्रेस और आरजेडी दोनों को राजनीतिक नुकसान हुआ।
अब कांग्रेस का नौशाद को टिकट देना एक बार फिर विपक्ष को मौका दे सकता है। बीजेपी पहले ही इस मुद्दे को हवा देने में जुट गई है। बीजेपी का कहना है कि जिस नेता के मंच से प्रधानमंत्री और उनकी मां के लिए अभद्र शब्द बोले गए, उसी व्यक्ति को टिकट देकर कांग्रेस ने अपनी मानसिकता उजागर कर दी है।
हालांकि कांग्रेस का पक्ष अलग है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि “गाली कांड” में नौशाद की कोई व्यक्तिगत भूमिका नहीं थी, बल्कि यह उनके खिलाफ एक साज़िश थी। नौशाद को संगठन में मेहनती और जमीनी कार्यकर्ता माना जाता है।
जाले सीट से बीजेपी के जीवेश मिश्रा, जो नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं, मैदान में हैं। पहले चरण में यहां मतदान होना है। अब देखना यह होगा कि जाले की सियासत में “विवाद बनाम विकास” का यह मुकाबला किसके हक़ में जाता है क्या नौशाद विवादों के साये से निकल पाएंगे या बीजेपी इस मुद्दे को चुनावी हथियार बना लेगी।