Bihar Vidhansabha Chunav 2025: तेजस्वी के गढ़ पर सतीश का धावा, नामांकन से पहले पातालेश्वर महादेव की शरण में पहुंचे भाजपा के उम्मीदवार, बोले- “मां को हराया था, अब बेटे की बारी”
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: राघोपुर की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। लालू परिवार का यह अभेद किला, जिसे 2010 में पहली और आख़िरी बार सतीश कुमार ने भेदा था....

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: राघोपुर की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। लालू परिवार का यह अभेद किला, जिसे 2010 में पहली और आख़िरी बार सतीश कुमार ने भेदा था, अब दोबारा रणभूमि बनने जा रहा है। भाजपा ने एक बार फिर उसी पुराने शूरवीर सतीश कुमार पर दांव लगाया है, जो इस बार राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ मैदान में उतर रहे हैं।
नामांकन से ठीक पहले सतीश कुमार बुधवार सुबह हाजीपुर के ऐतिहासिक पातालेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। माथे पर चंदन, गले में रुद्राक्ष और हाथों में नारियल लिए उन्होंने भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगा। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद बाहर निकले तो चेहरा आत्मविश्वास से भरा था। पत्रकारों से बातचीत में सतीश ने ठेठ अंदाज़ में कहा कि “पहले मां को हराया था, अब बेटे की बारी है।”
सतीश ने याद दिलाया कि 2010 में जब उन्होंने राबड़ी देवी को मात दी थी, तब नीतीश कुमार ने जनता से कहा था कि “आप हमें सतीश दीजिए, हम आपको पुल देंगे।” और सच में, चुनाव जीतने के बाद राघोपुर में सिक्स लेन पुल बनवाकर नीतीश ने अपना वादा निभाया। सतीश का कहना है कि इस बार जनता फिर विकास के नाम पर उन्हें मौका देगी।
उन्होंने कहा कि “मैं सत्ता का मालिक नहीं, जनता का सेवक हूं। राघोपुर की गलियों और खेत-खलिहानों में मेरा रिश्ता पुराने दोस्त जैसा है। इस बार अगर जनता ने आशीर्वाद दिया, तो राघोपुर को सिंगापुर बना दूँगा।”
राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि भाजपा ने एक बार फिर पुराने योद्धा को मैदान में उतारकर सीधा संदेश दिया है कि राघोपुर जैसे ‘लालूगढ़’ को तोड़ने के लिए उन्हें जमीनी नेता की ज़रूरत थी। वहीं, तेजस्वी यादव भी इस चुनौती को हल्के में नहीं ले रहे। दोनों ओर से माहौल गरम है और राघोपुर की फिज़ा अब खुलकर राजनीतिक मुकाबले की गवाही दे रही है।
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार