Bihar Vidhansabha Chunav 2025: टिकट नहीं मिलने से शांतनु शरद यादव नाराज, कहा-मैं राजनीति में 'झाल बजाने' नहीं आया, जमकर तेजस्वी को सुनाया खरी खोटी

आरजेडी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। कई नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी ने टिकट बंटवारे में पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव दिखाया

Shantanu Sharad Yadav
टिकट नहीं मिलने से शांतनु शरद यादव नाराज- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो गई। इस दौरान मधेपुरा सीट से आरजेडी के निवर्तमान विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने चौथी बार अपना नामांकन दाखिल किया। लेकिन नामांकन प्रक्रिया के समापन के साथ ही इंडिया महागठबंधन में सीट शेयरिंग और टिकट बंटवारे को लेकर तनाव और गहमा-गहमी भी सामने आई।

आरजेडी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। कई नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी ने टिकट बंटवारे में पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव दिखाया। इसी विवाद ने महागठबंधन की एकता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इस असंतोष के सबसे बड़े उदाहरण के रूप में सामने आए हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के बेटे शांतनु शरद यादव, जिनका टिकट न मिलने पर नाराजगी सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए खुलकर सामने आई।

वीडियो में शांतनु ने कहा, “मैं राजनीति में केवल दिखावे के लिए नहीं आया हूं। मैंने अपने पिता शरद यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया। मेरा विरोध केवल आवाज उठाना नहीं, बल्कि अपने हक के लिए डटकर मुकाबला करने का सबूत है। मैं राजनीति में 'झाल बजाने' नहीं आया।”

शांतनु ने अपने पिता की इच्छा और मधेपुरा से उम्मीदवारी की कहानी भी साझा की। उन्होंने बताया कि शरद यादव चाहते थे कि वे मधेपुरा से चुनाव लड़ें और विपक्ष को एकजुट करने में तेजस्वी यादव का साथ दें। हालांकि, अंतिम समय में आरजेडी ने प्रो. चंद्रशेखर को उम्मीदवार बनाया, जिससे शांतनु को निराशा हुई। उन्होंने कहा कि उनका मन विधानसभा चुनाव लड़ने का नहीं था, लेकिन समर्थकों के आग्रह और लालू यादव के सुझाव पर उन्होंने तैयारी शुरू की थी।

टिकट न मिलने के बाद शांतनु ने अपने समर्थकों के साथ भविष्य की रणनीति तय करने का संकेत दिया। उनका यह बयान महागठबंधन के लिए नई चुनौती बन सकता है, क्योंकि उनकी नाराजगी और कार्यकर्ताओं का असंतोष गठबंधन की एकता को कमजोर कर सकता है।

विश्लेषकों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के नजदीक आते ही इंडिया महागठबंधन में टिकट बंटवारे को लेकर उठ रहे ये असंतोष और नाराजगी महागठबंधन की छवि पर असर डाल सकते हैं। अब देखना यह होगा कि आरजेडी और अन्य सहयोगी दल इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और क्या मतदान से पहले गठबंधन एकजुट दिख पाएगा।