Bihar Vidhansabha Chunav 2025: 'बबूल बोएंगे तो खजूर कैसे मिलेगा?', पप्पू यादव ने मांझी को दी नसीहत, अपराधी नेताओं पर साधा निशाना
Bihar Vidhansabha Chunav 2025:सांसद पप्पू यादव ने बिहार की सियासत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मंच से उन नेताओं को आड़े हाथों लिया जिन्हें उन्होंने अपराध और पैसे की राजनीति का प्रतीक बताया।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को बिहार की सियासत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मंच से उन नेताओं को आड़े हाथों लिया जिन्हें उन्होंने अपराध और पैसे की राजनीति का प्रतीक बताया। यादव ने कहा कि बिहार की दुर्गति इसलिए हो रही है क्योंकि अपराधी और माफिया चुनाव लड़ते हैं, मंत्री बनते हैं और असली नेता उनकी गणेश परिक्रमा करते हैं। वैशाली की धरती पर पप्पू यादव ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब बबूल बोया जाएगा तो खजूर कैसे मिलेगा?जो अपराध की खेती करेंगे, उन्हें विकास की फसल कभी नहीं मिलेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की राजनीति को पिछले 20 सालों से अपराधियों और ठेकेदारों ने बंधक बना रखा है, जिसके कारण आम जनता शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से वंचित रह गई है। यादव ने साफ कहा कि अपराधी किसी जाति या धर्म के नहीं होते, वे इंसानियत के दुश्मन होते हैं।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विवेका पहलवान का नाम देश जानता है, और सवाल उठाया कि राजनीतिक दल ऐसे लोगों को टिकट क्यों देते हैं जो खून-खराबे की राजनीति करते हैं?
इस दौरान पप्पू यादव ने महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जीतन राम मांझी के विवादित बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। मांझी ने तेजस्वी को 2 किलो का छोकरा कहा था, जिस पर यादव ने संयमित लेकिन तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जीतन मांझी मेरे पिता समान हैं, लेकिन ऐसी भाषा मर्यादा के खिलाफ है।क्या कोई मांझी जी के बेटे को छोकरा कहेगा? यह राजनीति नहीं, बदजुबानी है।
पप्पू यादव ने आगे कहा कि चोर कौन है, यह जनता और कानून तय करेगा, न कि कोई व्यक्ति। उन्होंने मांझी को नसीहत देते हुए कहा कि जो शीशे के घर में रहते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।
पप्पू यादव के इस बयान ने बिहार के चुनावी माहौल में नई बहस छेड़ दी है। एक ओर उन्होंने राजनीति के अपराधीकरण पर प्रहार किया, तो दूसरी ओर राजनीतिक मर्यादा और भाषाई संयम का पाठ भी पढ़ाया।
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार