तेजस्वी यादव का नालंदा में दमदार ऐलान, कहा-बीस साल की नाकामी, बीस महीने में करेंगे बदलाव, राजद की सरकार आने के बाद मिलेगी नई सुबह की सौगात
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: नालंदा के बिंद की धरती पर रविवार को जब तेजस्वी यादव ने समर्थकों का जमावड़ा देखा तो फिजा ही बदल गई। ...
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: नालंदा के बिंद की धरती पर रविवार को जब तेजस्वी यादव ने समर्थकों का जमावड़ा देखा तो फिजा ही बदल गई। उस जनसभा में सिर्फ़ नारे नहीं गूंज रहे थे, बल्कि तेजस्वी का एक नया इरादा, एक नया इम्तिहान भी झलक रहा था। मैदान से उठते हुए गुंज में तेजस्वी ने पुरानी हुकूमत पर कड़ा इल्ज़ाम ठोंका और कहा कि अब बिहार को नया नेतृत्व चाहिए , जहाँ वादे हकीकत बनें, हीरन की तरह चमकती योजनाएँ कागज पर नहीं, घर-घर पहुँचें।
तेजस्वी ने अपनी जुबान में न सिर्फ़ जोश भरा, बल्कि बदलाव का पैग़ाम भी दिया। उन्होंने कहा कि बीते 20 साल की सरकार ने जनता को बेरोजगारी, पलायन और करप्शन के सिवा कुछ नहीं दिया। थानों में घूसखोरी और दाखिल-खारिज ने आम आदमी को असुरक्षित कर दिया है। तेजस्वी ने इसे नकलची सरकार करार देते हुए कहा कि घोषणाएँ बहुत देखीं, अब काम चाहिए।
उनकी खास पेशकश ‘माई-बहन मान योजना’ भीड़ में उम्मीद की लकीर खींचती दिखाई दी। हर महरूम और माई (महिला) को हर महीने ₹2,500 की आर्थिक मदद देने का ऐलान उन्होंने ताज़ा ज़ोर और तर्क के साथ रखा: साहुलियत, इज्ज़त और आर्थिक तवज्जो ही हक़ीक़ी तब्दीलियाँ लाएंगी। यह योजना केवल वादा नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा हक़ीक़त-नमूना होगी, उन्होंने कहा।
तेजस्वी ने प्रदेश की मौजूदा राजनीति को बाहरी काज़ियां के उकसावे से जोड़ते हुए मोदी-शाह पर भी निशाना साधा और दावे किए कि बिहार की स्वायत्तता पर बैठकर ये ताक़तें यहाँ की मज़बूती को कमज़ोर करने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, हमारी मिट्टी की शान मेहनत, ईमानदारी और स्वाभिमान है इसे किसी बाहरी के हवाले नहीं होने देंगे। नीतीश को लेकर उनका मिज़ाज नरम-तरह का पर संतोषजनक नहीं रहा: हमें अपने चाचा के प्रति एहसान है, मगर जनता अब बदलाव चाहती है।
तेजस्वी का जोड़-तोड़ भाषा और तर्कनगरी में साफ़ दिखा उन्होंने गिनती के साथ वादे रखे और वफ़ादारी के जज़्बात जगाए। 20 महीने में हम वो कर के दिखाएँगे जो 20 साल में नहीं हुआ, यह उनका सबसे बड़ा दावे वाला हुनर था चुनौतियों को चुनौती दे देने वाला बयान जो भीड़ में जोश भर गया।
रिपोर्ट- राज पाण्डेय