Bihar Election 2025: तेजस्वी ने कुर्था विधानसभा सीट से इस नेता को दिया टिकट, जदयू प्रत्याशी से होगा मुकाबला, जानिए किसके सिर सजेगा ताज
Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव ने कुर्था विधानसभा सीट से राजद उम्मीदवार को सिबंल दे दिया है। जदयू प्रत्याशी से राजद प्रत्याशी का मुकाबला होगा। पढ़िए आगे....

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज है। एनडीए महागठबंधन में सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारा ना होने के कारण कई सीटों पर महागठबंधन के ही प्रत्याशी आमने-सामने है। बिना सीट बंटवारे के ही प्रत्याशियों का ऐलान हो रहा है। इसी बीच नेता प्रतिपतक्ष तेजस्वी ने एक ओर प्रत्याशी को टिकट दिया है। तेजस्वी यादव ने कुर्था से कुमार कृष्ण मोहन को राजद सिंबल दिया है।
तेजस्वी ने दिया सिंबल
राजद प्रत्याशी ने सिंबल मिलने के बाद अपनी खुशी व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि, कुछ पल शब्दों में बयां नहीं हो सकते...आज मेरे लिए अत्यंत भावुक और गौरवपूर्ण क्षण है। मुझे मेरी जन्म भूमि, (पूर्व में जहानाबाद)जिले वर्तमान अरवल जिला के 215-कुर्था विधानसभा क्षेत्र से, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) शीर्ष नेतृत्व द्वारा राजद महागठबंधन का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया है।
जनता से की अपील
उन्होंने आगे लिखा कि, इस अवसर पर राष्ट्रीय जनता दल के शीर्ष नेतृत्व का मैं हृदय से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। कुर्था विधानसभा के पूर्व विधायक, मेरे पूज्य पिता श्रद्धेय मुन्द्रिका सिंह यादव जी ने हमेशा सिखाया कि जनता का सुख-दुःख ही सेवा का एकमात्र उद्देश्य है। आज उनका संस्कार और आपका विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।
किसके सिर सजेगा ताज
राजद प्रत्याशी ने कहा कि कुर्था विधानसभा की देवतुल्य जनता से मेरा विनम्र अनुरोध है कि मुझे भारी मतों से विजयश्री का आशीर्वाद प्रदान कर, आपकी सेवा का अवसर दें। बता दें कि कुर्था से एनडीए की ओर से जदयू प्रत्याशी पप्पू वर्मा है। यहां जदयू और राजद प्रत्याशी में सीधा मुकाबला होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से जदयू को करारी हार का सामना करना पड़ा। अब देखना होगा कि इस बार कौन बाजी मारता है।
कुर्था विधानसभा सीट का इतिहास
कुर्था विधानसभा सीट पर अब तक के राजनीतिक इतिहास में समाजवादी विचारधारा वाले दलों का मजबूत दबदबा रहा है। 1952 के पहले विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक इस सीट की राजनीति समाजवादी रुझानों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। स्वतंत्र भारत के पहले विधानसभा चुनाव (1952) में सोशलिस्ट पार्टी ने यहां जीत दर्ज कर समाजवादी राजनीति की नींव रखी। इसके बाद 1957 में कांग्रेस ने पहली बार यहां परचम लहराया, लेकिन उसके बाद पार्टी धीरे-धीरे इस सीट से हाशिये पर चली गई। 1972 में कांग्रेस की आखिरी जीत हुई थी।
जेडीयू सबसे ज्यादा बार विजयी
कुर्था सीट से जनता दल (JDU) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को दो-दो बार जीत मिली है, जबकि जेडीयू (JDU) ने अब तक तीन बार यहां से अपना विधायक बनाने में सफलता हासिल की यानी अब तक के इतिहास में सबसे अधिक बार। इसके अलावा इस सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, शोषित दल, शोषित समाज दल, जनता पार्टी, निर्दलीय उम्मीदवार और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को भी एक-एक बार जीत का मौका मिला है। कुर्था सीट से कई दिग्गज नेताओं ने जनता का प्रतिनिधित्व किया है। इनमें जगदेव प्रसाद, रामचरण सिंह यादव, सहदेव प्रसाद यादव, सुचित्रा सिन्हा और सत्यदेव सिंह जैसे नाम प्रमुख हैं ये सभी दो-दो बार विधायक रह चुके हैं।