कट्टा, करंट और वोट-चोरी! बिहार की सियासी रणभूमि में नेताओं की ज़ुबानी जंग ने गरमाया माहौल, आज शाम थम जाएगा प्रचार का शोर
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: एनडीए और महागठबंधन दोनों तरफ़ से नेता ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं, भाषणों में कट्टा, जंगलराज, करंट, रंगदारी और वोट-चोरी जैसी आग उगलती जुबान सुनने को मिल रही है। ..
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले सियासी तापमान आसमान छू रहा है। एनडीए और महागठबंधन दोनों तरफ़ से नेता ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं, भाषणों में कट्टा, जंगलराज, करंट, रंगदारी और वोट-चोरी जैसी आग उगलती जुबान सुनने को मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों की फौज तक बिहार में डेरा डाले हुए है और जनता से हाथ जोड़कर कह रही है कि जंगलराज को वापस मत आने दीजिए। दूसरी तरफ़ तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मंच पर चढ़कर हमला बोल रहे हैं काम की राजनीति करो, धमकी की नहीं।
शनिवार बिहार की राजनीति में फ़ुल-ड्रामेटिक दिन साबित हुआ। पहले आपने PM मोदी और राहुल गांधी की जुबानी जंग देखी थी, लेकिन इस बार मैदान में उतरीं प्रियंका गांधी। करीब 400 किलोमीटर दूर कटिहार में रैली करके प्रियंका ने पीएम मोदी के 1-1 वार का पलटवार किया। पीएम ने कहा कि विपक्ष को 65 वोल्ट का करंट लगेगा तो विपक्ष का जवाब आया कि करंट नहीं, अहंकार ही हराएगा। मोदी ने कट्टों, दुनाली और अपहरण का जिक्र कर जंगलराज की याद दिलाई, तो प्रियंका ने भी वार रोके नहीं और पीएम की भाषा पर सवाल खड़े कर दिए।
सबसे जोरदार हमला तब हुआ जब पीएम ने विपक्ष को भ्रष्ट परिवार, नामदार, और घोटालों के ठेकेदार कहा। प्रियंका ने सीधा मिसाइल दाग दिया और कहा कि प्रधानमंत्री वोट चोर हैं। साथ में तीन चुनाव आयोग अधिकारियों के नाम तक ले डाले—ज्ञानेश कुमार, विवेक जोशी और एसएस संधू संविधान और लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रहे हैं, इन्हें पद के पीछे मत छुपने दीजिए। भीड़ तालियों से गूंज उठी।
उधर PM मोदी ने बेगूसराय वाले राहुल गांधी के तालाब डुबकी वीडियो पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग बिहार चुनाव में डूबने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। जवाब में कांग्रेस खेमे ने कहा कि कम से कम जनता के बीच तो पहुंच रहे हैं।
सियासी युद्ध का दूसरा मोर्चा अमित शाह बनाम तेजस्वी यादव के बीच खुला। शाह बोले कि राहुल और तेजस्वी घुसपैठियों को बचाने निकले हैं। NDA सीमांचल को घुसपैठ का गढ़ नहीं बनने देगा। इसके ठीक बाद तेजस्वी ने नवादा की सभा में जनता का गुस्सा भुनाते हुए कहा कि बिहार अब बहकावे में नहीं आएगा। हर युवा को सरकारी नौकरी मिलेगी, मोबाइल पर भर्ती के मैसेज आएंगे।
कुल मिलाकर बिहार में चुनाव नहीं, सियासी महाभारत चल रहा है। नेता कट्टों और करंट की भाषा बोल रहे हैं, जनता रोज़ नए तीरों का तमाशा देख रही है।सबसे बड़ा सवाल वही लोग किसको वोट देंगे? भगवा का किला रहे या महागठबंधन का क्या गणित बदलने वाला है?