Kubbra Sait one-night stand: बॉलीवुड एक्ट्रेस कुब्रा सेत अपनी बेबाकी और सच्चाई के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपनी किताब "ओपन बुक" में जीवन के उन पहलुओं का जिक्र किया है, जिन्हें उन्होंने अब तक सब से छुपाकर रखा था। 2013 में एक वन नाइट स्टैंड के बाद गर्भवती हो जाने और फिर अबॉर्शन करवाने के अनुभव पर उन्होंने विस्तार से बात की है। अब, सालों बाद, कुब्रा ने फिर से इस अनुभव के बारे में चर्चा की और बताया कि इस घटना ने उनके जीवन को किस प्रकार से प्रभावित किया।
अबॉर्शन के दौरान मानसिक और शारीरिक कमजोरी
कुब्रा सेत ने बॉलीवुड बबल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि अबॉर्शन के दौरान वह कितनी कमजोर और असहाय महसूस कर रही थीं। उन्होंने कहा, "जब मैं अबॉर्शन से गुजरी, तो मैं उतनी मजबूत नहीं थी जितनी मुझे होना चाहिए था। उस वक्त मैं बहुत कमजोर महसूस कर रही थी। मुझे लगता था कि मैं इस सब के लायक नहीं हूं। लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपने लिए जो फैसला लिया, वह सही था और मैंने समाज के परंपरागत नियमों को तोड़ा।"
किसी को नहीं बताई अपनी प्रेग्नेंसी की बात
कुब्रा ने अपनी प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन को लेकर किसी को भी नहीं बताया था। उन्होंने इस बारे में खुलासा किया, "मैंने किसी को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में नहीं बताया। मैंने खुद जाकर अबॉर्शन कराया। करीब 2-3 हफ्ते तक मैं इसी सोच में रही। फिर एक दिन मैं अपनी दोस्त से मिली और उसे बताया कि मुझे अबॉर्शन कराना है। उस समय मैंने रोते हुए महसूस किया कि मैंने इस बारे में किसी को नहीं बताया था और कोई नहीं जानता था कि मैं किस स्थिति से गुजर रही हूं।"
अबॉर्शन के बाद की शारीरिक समस्याएं
कुब्रा सेत ने यह भी बताया कि अबॉर्शन के कई साल बाद उन्हें शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। एक ट्रैवल शो की शूटिंग के दौरान उन्हें अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही थी, जिससे वह बहुत परेशान थीं। "5-6 साल बाद मुझे बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी थी। उस समय मैं बहुत बीमार और चिड़चिड़ी हो गई थी, लेकिन मैंने किसी को नहीं बताया। मुझे लगा कि कोई समझ नहीं पाएगा, इसलिए मैंने इसे छुपाए रखा," उन्होंने कहा। कुब्रा ने अंत में अपनी किताब "ओपन बुक" लिखने के दौरान भी यह महसूस किया कि उन्हें किसी की राय की परवाह नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "जब मैं अपनी किताब लिख रही थी, तब मुझे इस बात की परवाह नहीं थी कि लोग क्या सोचेंगे, क्योंकि वह किताब उनके लिए नहीं, बल्कि मेरे लिए थी।"
कुब्रा की बेबाकी की तारीफ
कुब्रा सेत की इस बेबाकी और सच्चाई से बहुत से लोग प्रेरित हुए हैं। उनकी इस कहानी ने समाज में उन महिलाओं के संघर्ष को उजागर किया है, जो मुश्किल निर्णयों का सामना करती हैं और अपनी भावनात्मक लड़ाई लड़ती हैं। कुब्रा ने अपने अनुभव को साझा कर यह दिखाया है कि कठिनाइयों का सामना कैसे करना चाहिए और अपने फैसलों पर गर्व कैसे करना चाहिए।