Bihar weather: बिहार लौटते मॉनसून से झमाझम बारिश होने से कहीं राहत तो कहीं आफत की स्थिति है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है. मौसम विभाग ने राज्य के दक्षिण-पश्चिम भाग के जिलों में गरज के साथ हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है.आज यानी सोमवार से आसमान साफ रहेगा, बादलों की आवाजाही लगी रहेगी.
पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और कटिहार में भारी बारिश होगी. कोसी, कमला, गंडक और बागमती का चरित्र है कि पानी कम होता है तो कटाव तेज हो गया है . कई गांव बाढ़ की चपेट में है,कोसी में 56 वर्षों के बाद तो गंडक में 21 वर्षों के बाद इतना पानी आया.
20 जिला के लोगों को बाढ़ को लेकर सतर्क कर दिया गया है. सरकार ने प्रशासन को सभी निवारक उपाय करने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा, अगले 24 घंटों में अत्यधिक बारिश के साथ-साथ तेज हवाएँ चलने की भी संभावना जताई गई है.
नेपाल में भारी बारिश होने की वजह से वहां से निकलने वाली नदियां उफान पर हैं. भारी बारिश की वजह से बिहार में जल प्रलय का खतरे ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. 56 साल बाद कोसी बैराज के ऊपर से पानी बह रहा है. निचली इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है.
बारिश के कारण नदियों में जल स्तर बढ़ने की आशंका है. इससे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति और बिगड़ सकती है. विशेष रूप से गंगा किनारे रहने वाले लोग पहले से ही बाढ़ से प्रभावित हैं और अब यह बारिश एक नई चुनौती पेश कर सकती है.
भारी बारिश के चलते जनजीवन पर असर पड़ा है. स्कूल-कॉलेज पर भी इसका प्रभाव पड़ा है. आज यानी 30 सितंबर 2024 को बिहार में मॉनसून काफी सक्रिय रहेगा.
नदियां उफान पर हैं. लोगों के घरों में पानी घुस गया है. लोग किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं. वहीं कोसी का रौद्र रूप बिहार में जल प्रलय मचा रही है. नेपाल में हुई भारी बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिसका परिणाम है कि बिहार में कोसी नदी उफना गई है. कोसी में पानी आने के 56 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने के करीब है और शनिवार सुबह कोसी बराज के सभी फाटक खोल दिए गए.