Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी की कथित मिलावट के मामले में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई करेगी। यह मामला आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसादम (लड्डुओं) के निर्माण में पशु चर्बी के उपयोग से संबंधित है। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि इस मामले की जांच अदालत की निगरानी में की जाए, ताकि निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
इस मामले की सुनवाई पहले 30 सितंबर को हुई थी, जिसमें न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने यह स्पष्ट किया था कि यह मामला केवल एक खाद्य सुरक्षा मुद्दा नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले को शुक्रवार सुबह 10:30 बजे सुना जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
अदालत ने पहले कहा था कि यदि मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य होगा और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इसके अलावा, अदालत ने यह भी पूछा कि क्या सबूत हैं जो दिखाते हैं कि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था।
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने पहले ही इस मामले की जांच शुरू कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण इसकी प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोक दी गई थी। SIT ने तिरुमाला में फ्लोर मिलों और अन्य स्थानों पर निरीक्षण किया था ताकि यह समझा जा सके कि लड्डुओं में मिलावट कैसे संभव हो सकती है।
इसपर राजनीतिक बयानबाजी भी जारी है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इसे सनातन धर्म पर हमला बताया और कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने पूर्व सरकार पर आरोप लगाया कि उसने इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए उठाया।