BBC Journalist: अभी के समय में फ्लाइट से सफर करना बेहद आरामदायक माना जाता है। हालांकि, ये बाकी यातायात से महंगा होता है, लेकिन इसके बावजूद समय के बचत के लिए जाना पसंद करते हैं। इसमें फ्लाइट केबिन क्रू भी होती हैं, जो किसी भी यात्री को मदद करते हैं। हालांकि, लंदन में एक बीबीसी के एक पत्रकार के साथ कुछ ऐसा हुआ है, जिसके बारे में उनसे एक्स पर पोस्ट किया। बीबीसी के संवाददाता फ्रैंक गार्डनर, जो शारीरिक रूप से विकलांग है। वो पोलैंड से लंदन की फ्लाइट पर चढ़े जहां उन्हें पेशाब लग गया। वो चलने में असमर्थ थे। इसके बावजूद उन्हें रेंगकर शौचालय तक ले जाना पड़ा क्योंकि एयरलाइन ने उन्हें व्हीलचेयर उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया क्योंकि यह उनकी पॉलिसी के खिलाफ था।
Wow. It’s 2024 and I’ve just had to crawl along the floor of this LOT Polish airline to get to the toilet during a flight back from Warsaw as “we don’t have onboard wheelchairs. It’s airline policy”. If you’re disabled and you can’t walk this is just discriminatory. pic.twitter.com/aFuxo89DR5
— Frank Gardner (@FrankRGardner) September 30, 2024
फ्रैंक गार्डनर ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि शौचालय जाने के लिए पोलिश एयरलाइन के फर्श पर रेंगना पड़ा क्योंकि इनके पास व्हीलचेयर नहीं हैं। अगर आप विकलांग हैं और चल नहीं सकते हैं तो इसे भेदभाव माना जाता है। उन्होंने विमान के फर्श पर बैठे हुए अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा। मैं एक 20 साल पहले सऊदी अरब में एक काम के दौरान अल-कायदा के बंदूकधारियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद अपाहिज हूं।
पोलिश एयरलाइंस की फ्लाइट
बीबीसी के जर्नलिस्ट ने कहा कि पोलिश एयरलाइंस लॉट ने उन्हें बताया कि जहाज पर व्हीलचेयर रखना उनके पॉलिसी के खिलाफ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कभी भी किसी अन्य एयरलाइन की उड़ान में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया है।"यह 2024 है, 1970 नही। हालांकि, गार्डनर ने केबिन क्रू का बचाव करते हुए कहा कि वे केवल नीति का पालन कर रहे थे। गलती उनकी नहीं, एयरलाइन की है. जब तक वे 21वीं सदी में शामिल नहीं हो जाते तब तक दोबारा उड़ान नहीं भरेंगे।