यूपीएससी (UPSC) परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है। हर साल लाखों युवा बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों की मदद से इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, फिर भी सफलता की गारंटी नहीं होती। लेकिन कुछ लोग अपने मजबूत इरादों और कड़ी मेहनत से यह कठिन सफर तय कर दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। ऐसी ही कहानी है आईएएस दिव्या मित्तल की, जिन्होंने बिना कोचिंग के न केवल यूपीएससी पास किया, बल्कि कई और कठिन परीक्षाओं में भी अपनी छाप छोड़ी।
कठिन परीक्षाएं पास कर बनाई अलग पहचान
हरियाणा के रेवाड़ी जिले से ताल्लुक रखने वाली दिव्या मित्तल का सफर बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने पहले JEE पास कर आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद CAT परीक्षा पास कर आईआईएम बैंगलोर से एमबीए किया। इसके बाद दिव्या ने लंदन में करोड़ों के पैकेज पर नौकरी की।
पहले ही प्रयास में आईपीएस, फिर आईएएस का सपना पूरा
दिव्या के पति, गगनदीप, 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनसे प्रेरित होकर दिव्या ने यूपीएससी की तैयारी का फैसला लिया। उन्होंने लंदन की शानदार नौकरी को अलविदा कह दिया और बिना किसी कोचिंग के मेहनत शुरू की। दिव्या ने 2012 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में आईपीएस रैंक हासिल की। लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने फिर से परीक्षा दी। 2013 में, उन्होंने 68वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया।
दिव्या मित्तल: युवाओं के लिए प्रेरणा
आईएएस दिव्या मित्तल ने संतकबीरनगर, मिर्जापुर और बस्ती जैसे जिलों की कमान संभालते हुए अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। दिव्या मित्तल का कहना है, "अगर आपके इरादे मजबूत हैं और मेहनत सच्चे दिल से करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।"