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Jharkhand Elections: पहली लिस्ट जारी होने के बाद BJP में नहीं रहा थम बगावत का सिलसिला, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। भाजपा ने जहां अपने उम्मीदवारों की सूची तेजी से जारी कर दी है, वहीं इंडिया ब्लॉक में उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर कुछ सीटों पर विचार-विमर्श चल रहा है।

 Jharkhand Elections: पहली लिस्ट जारी होने के बाद BJP में नहीं रहा थम बगावत का सिलसिला, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?
BJP में नहीं रहा थम बगावत का सिलसिला- फोटो : AI GENERATED

 Jharkhand assembly election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तेज हो गई हैं, और एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भाजपा ने सबसे पहले 66 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जबकि इंडिया ब्लॉक में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अभी तक उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। जेएमएम ने हालांकि यह साफ कर दिया है कि पार्टी के सिटिंग विधायकों को ही टिकट दिया जाएगा। वहीं, जिन विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है या अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, उन सीटों पर पार्टी नए उम्मीदवार उतारेगी।


एनडीए की उम्मीदवार घोषणा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर 68 में से अधिकांश सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने 66 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जबकि दो सीटों के लिए नाम बाद में घोषित किए जाएंगे। भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी ने भी गठबंधन के तहत मिली 10 सीटों में से 8 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।


इसके अलावा, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को मिली जमशेदपुर पश्चिमी और तमाड़ सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक हो गए हैं। सरयू राय जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व मंत्री राजा पीटर तमाड़ से चुनावी मैदान में होंगे। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को लोहरदगा की सीट मिली है, जहाँ से पार्टी का उम्मीदवार भी तय हो चुका है।


भाजपा और जेएमएम में राजनीतिक खींचतान

भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ही जेएमएम नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश शुरू कर दी थी। अब जेएमएम भी भाजपा के नेताओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश में है। भाजपा में टिकट न मिलने से नाराज कई नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें केदार हाजरा, मेनका सरदार, संदीप वर्मा, लुइस मरांडी, गणेश महली, मलखान सिंह, विनोद सिंह, राज पलिवार और बाटुल झा जैसे नाम शामिल हैं। इनमें से कुछ नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि अन्य जेएमएम में शामिल हो सकते हैं।


चर्चा है कि लुइस मरांडी जामा सीट से जेएमएम की प्रत्याशी बन सकती हैं, जो कि भाजपा विधायक सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने के बाद खाली हो गई है।


पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन चुनावी मैदान में

भाजपा ने इस बार झारखंड के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों या उनके परिजनों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। बाबूलाल मरांडी खुद धनवार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पोटका से भाजपा की प्रत्याशी बनाई गई हैं। जेएमएम से भाजपा में आए चंपई सोरेन अपनी पुरानी सीट सरायकेला से चुनाव लड़ रहे हैं, और उनके बेटे को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा, मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी चुनावी मैदान में हैं।


हेमंत सोरेन का अधूरा कार्यकाल

हेमंत सोरेन झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री होंगे, जिन्होंने विधानसभा का पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है, हालांकि उनके कार्यकाल में भी पांच महीने का अंतराल रहा जब वे मनी लांड्रिंग के आरोपों के चलते जेल में थे। उस दौरान चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था। चंपई सोरेन अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं और पार्टी ने उन्हें और उनके बेटे दोनों को उम्मीदवार बनाया है।


झारखंड में 5 साल तक बिना किसी रुकावट के मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अभी भी रघुवर दास के नाम दर्ज है, जो 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे थे।

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