मनचलों की अश्लील हरकत का विरोध पड़ा भारी, मनचलों ने महिला पर उड़ेला खौलता तेल

झारखंड के गिरिडीह से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है, जहाँ एक कर्मठ महिला को अपनी अस्मत की रक्षा करने की भारी कीमत चुकानी पड़ी।फास्ट फूड की दुकान चलाने वाली महिला के साथ 2 मनचले फेका खौलता तेल

मनचलों की अश्लील हरकत का विरोध पड़ा भारी, मनचलों ने महिला पर
मनचलों की अश्लील हरकत का विरोध पड़ा भारी, मनचलों ने महिला पर उड़ेला खौलता तेल- फोटो : NEWS 4 NATION AI

अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्होंने एक महिला पर खौलता हुआ तेल डाल दिया। घटना झारखंड के गिरिडीह जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में लेदा पंचायत की है, जहाँ एक महिला अपनी फास्ट फूड की दुकान चला रही थी। रविवार देर शाम दो मनचले युवक दुकान पर पहुंचे और महिला के साथ अश्लील हरकतें व छेड़खानी करने लगे।जब स्वाभिमानी महिला ने इसका कड़ा विरोध किया और मदद के लिए शोर मचाया, तो आरोपियों ने हैवानियत दिखाते हुए चूल्हे पर रखी गर्म तेल की कड़ाही उस पर पलट दी।


दिव्यांग पति और परिवार की जिम्मेदारी

पीड़ित महिला का जीवन संघर्षों से भरा है। उसका पति दिव्यांग है, जिसके कारण घर के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है। अपने परिवार का पेट पालने के लिए वह गाँव में ही समोसे और पकौड़ी की दुकान चलाती है। जिस समय यह खौफनाक वारदात हुई, वह दुकान पर अकेली थी। गर्म तेल से बुरी तरह झुलसी महिला को ग्रामीणों की मदद से तुरंत गिरिडीह के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है।

एक आरोपी गिरफ्तार, पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस हरकत में आई और पीड़िता के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपियों में से एक, उदय चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, घटना में शामिल दूसरा आरोपी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

घटना पर बढ़ता राजनीतिक आक्रोश

इस दर्दनाक कांड के बाद झारखंड की राजनीति भी गरमा गई है। प्रदेश भाजपा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा ने इसे 'अपराधियों का दरबार' करार देते हुए कहा कि राज्य में कानून का डर खत्म हो चुका है। विपक्ष का आरोप है कि जब एक कामकाजी महिला सुरक्षित नहीं है, तो प्रशासन के दावों की पोल खुल जाती है। इस घटना ने पूरे इलाके में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।