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jharkhand politics - रघुदास दास के साथ क्या होगा, होगी सियासी रिटर्निंग या मिलेगा रिटायरमेंट, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

jharkhand politics - ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी नेता रघुवर दास ने साफ संकेत दिए हैं कि वह सक्रिय राजनीति में वापसी करेंगे। हालांकि झारखंड के पूर्व सीएम की भूमिका क्या होगी, इसको लेकर बीजेपी नेतृत्व ने कुछ साफ नहीं किया है

 jharkhand politics - रघुदास दास के साथ क्या होगा, होगी सियासी रिटर्निंग या मिलेगा रिटायरमेंट, पढ़िए इनसाइड स्टोरी
झारखंड की राजनीति में रघुवर की वापसी तय।- फोटो : DEBANSHU PRABHAT

N4N DESK - ओडीशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास को लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. कहा जा रहा है कि रघुवर की सियासी पारी फिर से शुरू होने वाली है. संभावना जताई जा रही है कि वह फिर से झारखंड की राजनीति में वापसी कर सकते हैं। हालांकि इस बार यहां उनकी भूमिका क्या होगी, अभी इस सस्पेंस से पर्दा नहीं हटा है।

पार्टी तय करेगी भूमिका

खुद अपनी आगामी भूमिका के बारे में रघुवर दास ने कहा कि यह पार्टी (भाजपा) तय करेगी कि हमारी अगली भूमिका क्या होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे निभाऊंगा। मैं 1980 के दशक से पार्टी के सदस्य के रूप में काम करते आ रहा हूं, इसलिए पार्टी तय करेगी कि मेरी अगली भूमिका क्या होगी।

जगन्नाथ पुरी में महाप्रभु का किया दर्शन

इससे पहले ओडिशा राज्यपाल पद से 24 दिसंबर को अचानक इस्तीफा देने वाले रघुवर दास ने 25 दिसंबर को पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें ओडिशा के लोगों की सेवा करने का अवसर मिला।

विकसित राज्यों में शामिल होगा ओडिशा

महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं ओडिशा के लोगों के उत्साह को सलाम करता हूं। डबल इंजन की सरकार के तहत प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ओडिशा विकास कर रहा है... मुझे उम्मीद है कि ओडिशा 2036 तक एक विकसित राज्य बन जाएगा...

सभी 30 जिलों का किया दौरा

एक साल दो महीने के अपने अल्पकालीन कार्यकाल काल में उन्होंने ओडिशा इतिहास के सबसे सक्रिय राज्यपाल की उपलब्धि अपने नाम दर्ज कर ली है... कार्यभार संभालने के शुरुआत चरण में ही रघुवर दास ने ओडिशा के सभी 30 जिलों का न सिर्फ दौरा किया, लोगों के सुख-दुख के सहभागी बने बल्कि सीधे आम लोगों तक राजभवन की पहुंच बना दी।

गांव में चौपाल लगाकर सुनी लोगों की समस्या

जिलों के दौरे के दौरान चाहे काफिले को रोककर राह चलते लोगों की समस्या सुननी हो या फिर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में चौपाल लगाकर आम लोगों की समस्या का आन द स्पाट समाधान करना हो, चौबीसों घंटे राजभवन के दरवाजे लोगों के लिए खुले रखे।

अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा उनका एक ही कहना था कि वह राजभवन की चारदीवारी में कैद होने के लिए नहीं आए हैं। महाप्रभु जगन्नाथ जी ने हमें ओडिशा के लोगों की सेवा के लिए यहां भेजा है और मुझे लोगों की सेवा का जो भी अवसर मिलता है, उसे मैं करने से पीछे नहीं हटता। ओडिशा के इतिहास में शायद यह पहली बार था जब कोई राज्यपाल अचानक अपने काफिले को रोक लोगों की समस्या सुनने सुदूर गांव में चला जाए।

झारखंड की राजनीति में बड़ा नाम हैं रघुवर दास

गौरतलब है कि रघुवर दास को पिछले साल 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। रघुवर दास बीजेपी के वरिष्ठ नेता के साथ-साथ झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने साल 2014 से 2019 तक सीएम के रूप में काम किया है साथ ही रघुवर दास पांच बार जमशेदपुर ईस्ट से विधायक रह चुके हैं। वहीं 2024 के विधानसभा चुनाव में उनकी बहू पूर्णिमा साहू ने उनकी परंपरागत सीट जमशेदपुर ईस्ट से चुनाव जीता है. 

उन्होंने कांग्रेस के अजय कुमार को करीब 42 हजार वोटों के अंतर से हराया है. रघुवर दास का नाम उन कद्दावर नेताओं में आता है जो बीजेपी के फाउंडर मेंबर थे. दास 1977 में जनता पार्टी में शामिल हुए, इसके बाद साल 1980 में उन्होंने संस्थापक सदस्य के रूप में बीजेपी की सदस्यता ली. उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के विभिन्न पदों पर काम किया.

REPORT - DEBANSHU PRABHAT


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