Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भाजपा की ओर से सामाजिक पेंशन को बढ़ाकर मईयां सम्मान योजना के बराबर करने के मांग पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच लंबी बहस हुई।
वेल में घुसकर की नारेबाजी
भाजपा विधायक सत्येद्र नाथ तिवारी से अल्पसूचित प्रश्न से शत्रुघ्न महतो के तारांकित प्रश्न तक करीब 25 मिनट की चर्चा के बाद विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में घुसकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा विधायक लगातार सत्ता पक्ष से रसोईया,दिव्यांग,वृद्धा और विधवा पेंशन देने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
रसोईया बहनों को भी बराबर मानदेय मिले
सत्ता पक्ष की ओर से पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भी कहा कि मईयां योजना सरकार के द्वारा सही कदम है लेकिन व्यवहारिक रुप से रसोईया बहनों को भी बराबर मानदेय देने पर सरकार को विचार करना चाहिए। इससे पहले भाजपा के सत्येद्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य में 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को 2500 रुपये मईयां सम्मान योजना के तहत मिलती है। वहीं जब मईयां 51 वर्ष की हो जाती है तो पेंशन राशि घटकर 1000 रुपये हो जाती है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में भोजन बनाने वाली रसोईया को 2000 रुपये मानदेय मिलता है। क्या सरकार रसोईयां को भी मईयां सम्मान के बराबर राशि देने पर विचार करेगी?
मानदेय करने की घोषणा करे सरकार
सत्येन्द्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य में 2.85 लाख विधवा और करीब 72 हजार दिव्यांग हैं। ऐसे में सरकार व्यवहारिक दृष्टिकोण से मईयां के बराबर रसोइया का मानदेय करने की घोषणा करे। इस मांग का समर्थन भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी समेत नीरा यादव, नवीन जायसवाल ने भी किया। भाजपा की ओर से कहा गया कि मईयां सम्मान योजना महिला सशक्तिकरण के लिए है तो रसोईया,विधवा,दिव्यांग से सशक्तिकरण के लिए राशि बढ़ाई जाए।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट