Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने की आरक्षण नीति में बदलाव की मांग, कहा- धर्म परिवर्तित करने वालों को नहीं मिले आरक्षण का लाभ
Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने आरक्षण से जुड़े अहम मुद्दे को उठाया है।...पढ़िए आगे

Ranchi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आरक्षण का मुद्दा उठाया है। उन्होंने एक पोस्ट के जरिय महान आदिवासी नेता बाबा कार्तिक उरांव की ओर से 1967 में संसद में प्रस्तुत डिलिस्टिंग प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग धर्म परिवर्तन करके दूसरे धर्म को अपना रहे है, वैसे लोगों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
धर्म परिवर्तन करने वालों को नहीं मिले आरक्षण का लाभ
धर्म परिवर्तन पर दिए गए अपने तर्क में चंपाई सोरेन ने कहा कि 1967 में बाबा कार्तिक उरांव ने संसद में एक प्रस्ताव रखा था,जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जो व्यक्ति ईसाई या ईस्लाम धर्म अपना लेता है, वैसे लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर देना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को संसदीय समिति के पास भेजा गया था और समिति ने यह स्पष्ट किया था कि आदिवासी परम्परा को त्यागने और धर्म परिवर्तित करने वाले जनजातियों को जनजातिय आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि तब की कांग्रेस पार्टी ने ईसाई मशिनरियों के दबाव में इस प्रस्ताव को ज्य़ादा महत्व नहीं दिया।
खतरे में पड़ सकती है हमारी संस्कृति
चंपाई सोरेन ने एक बार फिर से उसी प्रस्तावों को लागू करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, उन्हें डिलिस्टिंग प्रस्ताव के तहत अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज को भी आगाह करते हुए कहा कि अगर ऐसे ही चंद पैसे की लालच में धर्म परिवर्तन होता रहेगा तो हमारी संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी।