Hemant Soren : मेरे बाबा सशरीर मेरे साथ नहीं है...लेकिन....आदिवासी दिवस पर पिता को याद कर भावुक हुए हेमंत सोरेन, सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट

Hemant Soren : आदिवासी दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन अपने पिता को याद कर भावुक हो गए. उन्होंने कहा की बाबा सशरीर मेरे साथ नहीं हैं.लेकिन......पढ़िए आगे

Hemant Soren : मेरे बाबा सशरीर मेरे साथ नहीं है...लेकिन....आ
भावुक हुए हेमंत सोरेन - फोटो : SOCIAL MEDIA

RANCHI : आज विश्व आदिवासी दिवस है। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने दिवंगत पिता शिबू सोरेन को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा की मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे बाबा सशरीर साथ नहीं हैं, मगर उनका संघर्ष, उनके विचार, उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। वह न केवल मेरे पिता थे, बल्कि समस्त आदिवासी समाज समेत झारखण्ड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक भी थे।

हेमंत सोरेन ने लिखा की यह आदिवासी समाज ही है जिसने मानवजाति को प्रकृति के साथ सांमजस्य बनाकर खुशहाल जीवन जीने का मार्ग दिखाया है। आदिवासी समाज का जीवन-दर्शन प्रकृति से ही शुरु और प्रकृति पर ही खत्म होता है। मगर सदियों से खुद आदिवासी तथा शोषित-वंचित समाज हाशिये पर खड़े रहने को मजबूर रहा। बाबा ने इसी स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया था।

विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य भर में होना वाला कार्यक्रम उनका प्रिय रहा। क्यूंकि यह अवसर आदिवासी समाज की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम रहा है, आदिवासी समाज की प्रतिभा को वैश्विक मंच देने का अवसर बना है।

हेमंत सोरेन ने कहा की आज पूरा विश्व आदिवासी दिवस मना रहा है। इस अवसर पर मैं बाबा दिशोम गुरु सहित हमारे सभी वीर पुरुखों को नमन करता हूँ, जिन्होंने संघर्ष और शहादत देकर हमारी पहचान, हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता और हमारे अधिकारों की रक्षा की।