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कलौंजी-मंगरेला से ये बीमारियां होगी कम, वेट लॉस से लेकर थायरॉइड में है फायदेमंद

कलौंजी-मंगरेला से ये बीमारियां होगी कम, वेट लॉस से लेकर थायरॉइड में है फायदेमंद

आजकल का समय ऐसा आ गया है कि लोग काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि खुद को टाइम ही नहीं दे पाते हैं। इसी कारण लोगों की मेंटल हेल्थ के साथ ही फिजिकल हेल्थ भी इफेक्ट करती है। जिन लोगों का बैठ कर काम करना है उन्हें तो कम उम्र में ही कई बीमारियां होने लगती है। और आजकल का समय भी ऐसा आ गया है कि लोग डेस्क जॉब ज्यादा प्रेफर करते हैं। इसके कारण सबसे बड़ी दिक्कत मोटापा होती है। डेस्क जॉब में लोगों की बॉडी जल्दी फैलने लगती है। उन्हें एक्सरसाइज करने का भी समय नहीं होता है। वहीं, आज के समय में डायबिटिज बीमारी भी आम हो गई है। इन सब बीमारियों से निपटने का एक सॉल्यूशन हम आपको बताते हैं।


कलौंजी यानी मंगरैल में प्रोटीन, विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स आयरन, कैलशियम, मैग्निशियम और डाईटरी फाइबर, एंटीबैक्टिरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटी कैंसरस जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये तमाम रोगों को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।


कलौंजी एक मसाला है जो काली तिल के जैसा होता है। घरों में अचार, सब्जी और कचौरी सहित कई चीजों में इसे इस्तेमाल किया जाता है। लिट्टी के अंदर भरे जाने वाले सत्तू में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है। इसे कलौंजी, काला जीरा, मंगरैल या निगेला सतिवा आदि कई नामों से जाना जाता है। सेहत के लिए यह काफी फायदेमंद भी माना जाता है।


कलौंजी में कई तरह की औषधीय गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने और पाचन क्षमता को दुरुस्त रखने के काम आती है। खैर, क्या आप जानते हैं कि कलौंजी सिर्फ हमारे हेल्थ में सुधार में ही उपयोगी नहीं है। इसके साथ-साथ यह कई तरह की बीमारियों या स्वास्थ्य समस्याओं में भी काम आती है। कलौंजी से सिरदर्द दूर, कफ, हेयर फॉल कम होना, अस्थमा की समस्या, कोलेस्ट्रॉल की प्रॉबलम समेत कई बीमारियां दूर होती है।


अगर आप मोटापा से परेशान हैं तो इसकी सही मात्रा में सेवन करने से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इसके अलावा यह इम्यून सिस्टम, त्वचा, बाल की समस्या, थायरॉइड और डायबिटीज की समस्या को कम करने में बेहद लाभकारी और गुणकारी है। यहां तक कि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी बचाने में मददगार होता है।


अगर मंगरैल के सेवन की बात करें तो इसके बीज को लोग ऐसे भी खाते हैं और कई व्यंजन के जरिए भी इसका सेवन करते हैं। औषधि के रूप में प्रयोग करने के लिए इसके काढ़े, पाउडर और तेल का प्रयोग बेहद लाभकारी और गुणकारी बताया जाता है। इसके तेल का सेवन खीरा या गाजर के रस में दो चम्मच या मधु मे मिलकर किया जाता है।

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