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MAHAKUMBH 2025 - महाकुंभ का प्रवास बीच छोड़कर वापस लौटी एप्पल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, यह वजह बना कारण

MAHAKUMBH 2025 - 10 दिन के प्रवास पर महाकुंभ आईं स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल वापस लौट गई है। यहां वह तीन दिन रही। इस दौरान उन्होंने महामंडलेश्वर कैलाश गिरी से दीक्षा ग्रहण की। लॉरेन के महाकुंभ में आने को सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा मिली थी।

 MAHAKUMBH 2025 - महाकुंभ का प्रवास बीच छोड़कर वापस लौटी एप्पल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, यह वजह बना कारण
महाकुंभ से वापस लौटी लॉरेन पॉवेल- फोटो : NEWS4NATION

PRAYAGRAJ - महाकुंभ में प्रवास पर आई एप्पल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल अचानक लौट गई हैं। वो दस दिन के लिए यहां आईं थी, लेकिन तीन दिन में ही वापस चली गईं। बताया गया कि महाकुंभ में उन्हें एलर्जी की दिक्कत हो गई थी। बताया जा रहा है कि जॉब्स अगले कुछ दिन भूटान में ही प्रवास करेंगी।

बता दें कि लॉरेन के महाकुंभ में प्रवास को काफी चर्चा मिली थी। उन्होंने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में प्रवास किया। बुधवार को उन्होंने अपने गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली। लॉरेन पॉवेल को महाकाली के बीज मंत्र की दीक्षा दी गई है। वह ॐ क्रीं महाकालिका नमः का जाप करेंगी।

नहीं कर पाई मकर संक्रांति पर स्नान

लॉरेन जॉब्स 13 जनवरी को प्रयागराज पहुंची थीं।मकर संक्रांति पर स्नान करने की भी उनकी इच्छा थी, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वह अमृत स्नान नहीं कर सकीं। 

सनातन धर्म में गहरी रुचि, दिखावा नहीं करती

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन की आध्यात्मिकता की खोज उन्हें महाकुंभ में ले आईं। उनके सभी प्रश्न सनातन धर्म के इर्द-गिर्द घूमते हैं और उन्हें उत्तरों में बहुत खुशी और संतुष्टि मिलती हैं। यहां उनको नया नाम कमला दिया गया है। वह बहुत ही सरल, सौम्य हैं 

महामंडलेश्वर ने बताया कि जिस तरह से उन्होंने अखाड़े में खुद को संचालित किया है उससे यह स्पष्ट होता है कि दुनिया के सबसे अमीर और सबसे प्रसिद्ध लोगों में से एक होने के बावजूद, वह अहंकार रहित हैं और दिखावा नहीं करती हैं। यहां वह सादे कपड़े पहनती हैं और आचरण करती हैं। वह लो प्रोफाइल रहती हैं। वह यहां हमारी शाश्वत और कालजयी सनातनी संस्कृति, सभी चेतनाओं के मूल को देखने आई हैं। वह यहां सनातनी आस्था के प्रहरियों, साधु-संतों से मिल रही हैं। पुरी ने कहा कि कहा कि लॉरेन पहली बार महाकुंभ में आई हैं।

काशी विश्वनाथ भी दर्शन के लिए पहुंची
 काशी विश्वनाथ के दर्शन करके महाकुंभ आई थीं। महाकुंभ में आने से पहले लॉरेन पॉवेल काशी विश्वनाथ के दर्शन किया। गंगा में नौकायन के बाद  सिर पर दुपट्टा डालकर बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंचीं। गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का आशीर्वाद लिया। सनातन धर्म में गैर हिंदू शिवलिंग का स्पर्श नहीं करते, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्होंने बाहर से ही दर्शन किया।

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