भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) लखनऊ ने 2025 बैच के एमबीए कार्यक्रमों के लिए प्रवेश मानदंडों की आधिकारिक घोषणा कर दी है। चयन प्रक्रिया को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। इसमें कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट 2024) स्कोर, एप्लिकेशन रेटिंग स्कोर (एआरएस), और व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआइ) शामिल हैं। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, कार्य अनुभव, और प्रबंधन के लिए उनकी उपयुक्तता का समग्र मूल्यांकन करेगी।
चयन प्रक्रिया का ढांचा
पहले चरण में, उम्मीदवारों को उनके कैट 2024 स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। दूसरे चरण में एप्लिकेशन रेटिंग स्कोर (एआरएस) के जरिए उनकी शैक्षणिक योग्यता और स्थिरता का आकलन किया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआइ) के माध्यम से उम्मीदवारों के संवाद कौशल, विचारों की स्पष्टता और प्रोग्राम के प्रति रुचि का मूल्यांकन होगा।
प्रमुख मापदंड और वेटेज
आइआइएम लखनऊ ने चयन प्रक्रिया में विभिन्न मापदंडों को विशिष्ट वेटेज दिया है। एमबीए और एमबीए-एसएम के लिए कैट स्कोर का वेटेज 30%, जबकि एमबीए-एबीएम के लिए 35% होगा। 12वीं और स्नातक स्तर के शैक्षणिक प्रदर्शन का योगदान सभी कार्यक्रमों में 5% रहेगा। विविधता कारक के लिए 5%, और लेखन क्षमता परीक्षण के लिए 10% वेटेज दिया गया है। व्यक्तिगत साक्षात्कार को सबसे अधिक 40% वेटेज दिया गया है। कार्य अनुभव का वेटेज केवल एमबीए और एमबीए-एसएम प्रोग्राम में 5% है।
विशेषज्ञता के लिए प्रासंगिक विषय
आइआइएम लखनऊ ने एमबीए-एबीएम प्रोग्राम के तहत विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है। कृषि विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, मृदा विज्ञान, और कृषि जैव रसायन जैसे विषय प्रमुख हैं। विज्ञान के क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान और प्राणि विज्ञान को शामिल किया गया है। पशु चिकित्सा विज्ञान, कृषि इंजीनियरिंग, और ग्रामीण समाजशास्त्र जैसे क्षेत्रों के उम्मीदवारों को भी पात्र माना जाएगा।
आधुनिक प्रबंधन की ओर कदम
आइआइएम लखनऊ की इस पहल का उद्देश्य प्रबंधन शिक्षा में विविधता और गुणवत्ता को बढ़ावा देना है। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ-साथ छात्रों की समग्र क्षमताओं पर ध्यान दिया गया है। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे कैट 2024 की तैयारी पर जोर दें और समय पर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। आइआइएम लखनऊ के इन अद्यतन मानदंडों के जरिए प्रबंधन शिक्षा का एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है, जो छात्रों को न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद करेगा