Cousin Marriage: इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है और सदियों से इसका पालन किया जा रहा है। हालांकि समय के साथ इस धर्म में भी कई सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन हुए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है रिश्तेदारी के भीतर शादियों की प्रथा। जो विशेष रूप से पाकिस्तान जैसे कुछ इस्लामिक देशों में व्यापक रूप से प्रचलित है।
परिवार के भीतर शादियों की बढ़ती प्रवृत्ति
पाकिस्तान में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में चचेरे-भाई-बहनों के बीच शादियां आम हैं। इस प्रथा को समर्थन देने वालों का तर्क है कि इससे परिवार एकजुट रहता है और संपत्ति एक ही परिवार में रहती है। हालांकि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसारइस तरह की शादियों से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हालांकि पाकिस्तान में रिश्तेदारी में शादी आम बात है। यहां अक्सर लड़के शादी के लिए अपनी चचेरी बहन को चुनते हैं। लड़कों की पसंद पहले अपनी ही बहन होती है। ऐसे में आधे से ज्यादा आबादी अपने घर में ही बच्चों की शादी रचा देते हैं। जिससे बच्चों में कई प्रकार की बीमारी पैदा होने के साथ ही हो जा रही है। ऐसे में यह मुल्क बीमार मुल्क बनने की ओर बढ़ रहा है।
आनुवंशिक बीमारियों का खतरा
दरअसल, करीबी रिश्ते में शादी करने से आनुवंशिक बीमारियों के होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। जब दो करीबी रिश्तेदार शादी करते हैं, तो उनके बच्चों में समान जीन होने की संभावना अधिक होती है। यदि इन जीनों में कोई खराबी है, तो यह बच्चे में आनुवंशिक बीमारी के रूप में प्रकट हो सकती है। थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और अन्य कई आनुवंशिक बीमारियां इस तरह की शादियों से जुड़ी हुई हैं।
पाकिस्तान में स्थिति की गंभीरता
पाकिस्तान में रिश्तेदारी के भीतर शादियों के कारण आनुवंशिक बीमारियों का प्रसार चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि पाकिस्तान में जन्म लेने वाले बच्चों में आनुवंशिक बीमारियों का प्रतिशत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है। यह स्थिति देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी बोझ डाल रही है और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है। बता दें कि, रिश्तेदारी के भीतर शादियों की प्रथा एक जटिल सामाजिक मुद्दा है। हालांकि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के आलोक में इस प्रथा के नकारात्मक परिणामों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।