KISHANGANJ: हाईकोर्ट ने कल राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था को फटकार लगाई थी. नाराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की शिक्षा से बेहतर स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया जाए. अब किशनगंज से शिक्षा की बदहाली की एक और तस्वीर सामने आई है. हम बात कर रहे हैं बहादुरगंज प्रखंड में स्थित नेहरू कॉलेज की जिसकी स्थापना के 53 साल हो चुके हैं और कॉलेज बस 1 फैकल्टी के भरोसे चल रहा है. यही नहीं इस कॉलेज में बस 6 सबजैक्ट्स के पढ़ाए जाने की व्यवस्था है.
सबसे अजीब बात तो यह है कि वहां के प्रिंसिपल को बच्चों की पढ़ाई से कोई मतलब नहीं हैं.इस मामले को लेकर जब प्रिसिपल से बात की गई तो उनका कहना था कि कॉलेज में शिक्षक ही नहीं हैं तो पढ़ाई कैसे होगी. उसके बाद उन्होने कहा की बच्चे कैसे भी पढ़ाई करें पास तो हो जाते है. इस बात से साफ पता चलता है कि कॉलेज को बस बच्चों के नामांकन और पास होने से मतलब है. साथ ही व्यवस्था को प्रिसिंपल ने कहा कि कॉलेज की इस हालत के लिए बिहार सरकार जिम्मेवार है क्योकिं प्रिंसिपल और वीसी शिक्षकों की बहाली नहीं कर सकते है.
कॉलेज की बदहाली बिहार सरकार और शिक्षा विभाग को आईना दिखा रही है. बिहार सरकार रोज नए नए दावे करती है और इन दावों और वादों की हकीकत को बयां करने वाले ऐसे लाखों उदाहरण रोज सामने आते है.