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21 साल पुराने झारखंड में अब नहीं चलेगी 107 साल पुरानी शराब नीति, सोरेन सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव

21 साल पुराने झारखंड में अब नहीं चलेगी 107 साल पुरानी शराब नीति, सोरेन सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव

RANCHI : बिहार में शराबबंदी के बाद अब झारखंड सरकार भी अपनी शराब नीति में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। स्थापना के 21 साल बाद झारखंड की उत्पाद विभाग ने फैसला लिया है कि वह 107 साल पुराने शराब नीति को बदलेगी।  इसके लिए नई शराब नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसे अब मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है। 

बनाई गई नई रिटेल पॉलिसी

जानकारी के अनुसार नयी उत्पाद नीति में एक्ट, बार पॉलिसी, होलसेल पॉलिसी, रिटेल पॉलिसी व कंट्री लीकर पॉलिसी में परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। नयी उत्पाद नीति में रिटेल पॉलिसी को भी बदला जायेगा। शराब का खुदरा कारोबार जेएसबीसीएल (झारखंड स्टेट वीबरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के माध्यम से होगा. जेएसबीसीएल प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये दुकानों का संचालन करेगा. प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए सरकार टारगेट फिक्स करेगी.

संचालन के लिए प्लेसमेंट एजेंसी को देनी होगी बैंक गारंटी

शराब की अवैध बिक्री व नकली शराब के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए राज्य में लागू कानून वर्ष 1915 में बनाया गया था। इसमें संशोधन करते हुए अवैध और नकली शराब के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही जिन प्लेटमेंट एजेंसियों को दुकान की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उन्हें बैंक गारंटी देनी होगी।

बदलेगा 1915 का कानून

नयी उत्पाद नीति के तहत कानून में बदलाव किया गया है. शराब की अवैध बिक्री व नकली शराब के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए राज्य में लागू कानून वर्ष 1915 में बनाया गया था। इसमें संशोधन करते हुए अवैध और नकली शराब के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है.

बार के लिए हर महीने का फिक्स होगा कोटा

नयी उत्पाद नीति में बार पॉलिसी बदली गयी है. हालांकि, बार खोलने के लिए निर्धारित लाइसेंस फीस में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं बनाया गया है. प्रस्ताव में बार के लिए मिनिमम कोटा फिक्स करने की बात कही गयी है. शराब की दुकानों की तर्ज पर बार के लिए भी हर महीने का कोटा निर्धारित किया जायेगा. वर्तमान में बार के लिए किसी तरह का कोटा फिक्स नहीं है.

प्लास्टिक के बोतल या पैक में नहीं मिलेगी शराब

उत्पाद विभाग ने कंट्री लीकर पॉलिसी या देसी शराब की नीति में भी बदलाव का प्रस्ताव बनाया है. देसी शराब के ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव किया जा रहा है. वहीं, प्लास्टिक में पैक कर देसी शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किया जायेगा. देसी शराब केवल शीशे की बोतल में ही उपलब्ध होगी.

गोदामों  पर होगा जेएसबीसीएल का नियंत्रण

राज्य में शराब की होलसेल बिक्री की नीति में बदलाव करते हुए डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम पर कंट्रोल की योजना तैयार की गयी है. वर्तमान में कार्यरत शराब के 75 गोदामों की संख्या एक दर्जन से भी कम कर दी जायेगी. होलसेल और डिस्ट्रिब्यूटर को अलग-अलग गोदाम में रखने की अनुमति नहीं होगी. सभी गोदाम जेएसबीसीएल का रहेगा. होलसेलरों को उसमें माल रखने की अनुमति होगी. फास्ट मूविंग ब्रांड रखा जायेगा. वहीं सरकार द्वारा नहीं बिकने वाले ब्रांड रखने पर रिव्यू के बाद पेनाल्टी का भी प्रावधान किया गया है।

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