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अनुशासनहीनता के चलते कांग्रेस के अखिलेश सिंह सहित 12 राज्यसभा MP पूरे सत्र के लिए निलबंति, जानें पूरा मामला

अनुशासनहीनता के चलते कांग्रेस के अखिलेश सिंह सहित 12 राज्यसभा MP पूरे सत्र के लिए निलबंति, जानें पूरा मामला

Desk. बड़ी खबर राज्यसभा से आ रही है. यहां राज्यसभा के सभापति ने अनुशासनहीनता के चलते 12 राज्यसभा सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलबंति कर दिया है. इन सांसदों पर कार्रवाई 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामे के चलते हुई है. इसमें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, फूलोदेवी नेताम, छाया वर्मा, आर. बोरा, राजमनी पटेल, सीपीआई के विनोय विश्वाम, टीएमसी के डोला सेन, शांता क्षेत्री, और शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी व अनिल देशाई तथा सीपीएम के इलमराम करीम का नाम शामिल है, जिन्हें राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शीतकालीन सत्र के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है.

क्या हुआ था  11 अगस्त को

बता दें कि सत्ता पक्ष के राज्यसभा सांसदों ने 11 अगस्त की सदन की कार्यवाही को लेकर विपक्ष पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाया था. साथ ही बेल में आकर हंगामा करने का भी आरोप है. साथ ही राज्यसभा के अंदर की ढाई मिनट की क्लिप भी जारी की गयी. इसमें धक्का मुक्की की तस्वीरें साफ देखी जा सकती थी. इस क्लिप पर विपक्ष ने निशाना साधते हुए कहा कि जानबूझ कर 'छोटी सिलेक्टिव क्लिप' जारी की गई है. हिम्मत है तो पूरी क्लिप दिखाया जाये.

वहीं राज्यसभा के सत्र की समाप्ति के बाद केंद्र सरकार के मंत्रियों ने माँग की कि पूरे मामले में शामिल सांसदों पर उच्च स्तरीय कमेटी बना कर जाँच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. वहीं विपक्षों का कहना था कि लोकतंत्र को बचाने के लिए वो अपना संघर्ष जारी रखेंगे.

विशेष अनुशासनात्मक समिति का गठन 

वहीं राज्यसभा में 11 अगस्त के हंगामे की जांच के लिए विशेष अनुशासनात्मक समिति का गठन किया गया. वहीं विपक्षी दलों ने इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि उन्हें चार सितंबर को उपराष्ट्रपति नायडू की ओर से फोन आया था और यह प्रस्ताव दिया गया था कि मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को उच्च सदन में हुई घटना की जांच के लिए समिति बनाई जाए. खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी इस समिति का हिस्सा नहीं होगी क्योंकि, यह सदस्यों को डरा-धमकाकर चुप कराने एक प्रयास है.

शीतकालीन सत्र में पूरे सत्र के लिए निलबंति

वहीं इस संसद के शीतकालीन सत्र जब शुरू हुई तो समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें 12 राज्यसभा सांसदों को अनुशासनहीनता का दोषी पाया गया. इसके बाद राज्यसभा के सभापित एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, फूलोदेवी नेताम, छाया वर्मा, आर. बोरा, राजमनी पटेल, सीपीआई के विनोय विश्वाम, टीएमसी के डोला सेन, शांता क्षेत्री, और शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी व अनिल देशाई तथा सीपीएम के इलमराम करीम को शीतकालीन सत्र के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है.

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