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बालगृह से फरार 20 बच्चों में से 14 को खोज लिया गया, एक बच्चे ने सबको किया लीड, 6 अभी भी ट्रेसलेस

बालगृह से फरार 20 बच्चों में से 14 को खोज लिया गया, एक बच्चे ने सबको किया लीड, 6 अभी भी ट्रेसलेस

SARAN : बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित बाल गृह से बीती रात 20 बच्चे एक साथ फरार हो गए जिससे पूरा प्रशासनिक महकमा हिल गया और बच्चों की तलाश में जुट गया। रविवार की देर शाम तक 14 बच्चों को खोज लिया गया। 6 बच्चों की अभी तलाश जारी है। बाल संरक्षण इकाई के उपनिदेशक धर्मवीर सिंह ने बताया कि जल्द सभी बच्चों को तलाश लिया जाएगा और उन्हें समझाया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की गलती नहीं कर सके। 

सभी बच्चे नाबालिक हैं ऐसे में इनके साथ घर के बच्चों की तरह व्यवहार किया जाता है ताकि इनके दिल दिमाग पर इसी तरह का भय या डर का माहौल कायम नहीं हो सके। बच्चों को बेहतर सुविधा दी जाती है ताकि उनका मन इधर-उधर ना भटके। फिर भी एक पुराने बच्चे ने सभी बच्चों को लीड किया इसके कारण अन्य बच्चे दिग्भ्रमित हो गए। भागे हुए बच्चों को खोजने में छपरा जंक्शन की आरपीएफ की टीम ने अपनी अहम भूमिका निभाई और ट्रेन में बैठे चार बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से ट्रेन से उतार लिया और उन्हें बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया । इसी तरह कई बच्चे अपने अपने घर चले गए थे उनको भी उनके अभिभावकों की मदद से वापस बुलाया गया और बाल गृह में रख दिया गया। 


अभी तक जिन छह बच्चों का पता नहीं लगा है उनको भी ट्रेस आउट किया जा रहा है ।जल्द ही उनको भी बाल गृह में बुला लिया जाएगा। मालूम हो कि बाल गृह में वैसे बच्चे आते हैं जो बस स्टैंड ,स्टेशन समेत अन्य जगहों पर भटके के होते हैं। उनको चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से बालगृह तक लाया जाता है। फिर बेहतर काउंसलिंग कर और कानूनी प्रक्रिया को पूरी कर उनके परिजनों को सौंप दिया जाता है।

चार माह में दूसरी बार हुई घटना

छपरा के बाल सुधार गृह बच्चों को लेकर कितनी लापरवाही बरती जाती है। इसका एक उदाहरण इस साल अप्रैल माह में देखने को मिला था, जब यहां के 37 बच्चे एक साथ कोरोना से ग्रसित पाए गए, इन बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां से आधे से ज्यादा बच्चे सुधार गृह के अधिकारियों और अस्पताल के स्टाफ को चकमा देकर भाग गए थे। बाद में उनकी तलाश में भाग दौड़ करनी पड़ी। मालूम हो किइससे पहले भी कुछ बच्चे ग्रिल तोड़कर भागे थे, जो बाद में वापस आ गए।


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