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लद्दाख में सीमाई विवाद सुलझाने को भारत और चीन के बीच हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता, इन गतिरोधों को किया जाएगा दूर

लद्दाख में सीमाई विवाद सुलझाने को भारत और चीन के बीच हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता, इन गतिरोधों को किया जाएगा दूर

DESK. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के बाकी बचे बिंदुओं संबंधी शेष मुद्दों को हल करने के मकसद से रविवार को 16वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एलएसी पर भारतीय सीमा की ओर चुशूल मोल्दो बैठक स्थल पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे वार्ता शुरू हुई। भारतीय सेना और चीन की ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' के बीच इससे पहले 11 मार्च को वार्ता हुई थी। 15वें चरण की वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। 

दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि मुद्दों के समाधान से क्षेत्र में शांति एवं सामंजस्य बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी। नए चरण की वार्ता में भारत बाकी के उन सभी स्थानों से जल्द से जल्द सैनिकों की वापसी पर जोर दे सकता है, जहां अब भी गतिरोध बना हुआ है। इसके अलावा वह देपसांग बुल्गे और देमचोक में मुद्दों को हल करने पर भी जोर दे सकता है। 

बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंदय सेनगुप्ता कर रहे हैं। वहीं, चीन के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन कर रहे हैं। भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर शांति एवं सामंजस्य बनाए रखना द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए अहम है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के उनके समकक्ष वांग यी ने सात जुलाई को बाली में पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर बातचीत की थी। जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर एक घंटे तक चली मुलाकात में जयशंकर ने वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता के बारे में बताया। 

विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान में कहा था, ‘‘विदेश मंत्री ने गतिरोध वाले कुछ क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शेष सभी इलाकों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिए इस गति को बनाए रखने की जरूरत है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल की जा सके।''


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