पटना। विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन नीतीश सरकार के 18 दागी मंत्रियों का मुद्दा छाया रहा। माले सहित विपक्ष के नेताओं नए इस दौरान सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। माले विधायकों ने कहा नीतीश सरकार के 64 फीसदी मंत्रियों पर किसी न किसी मामले में अपराध दर्ज हैं। ऐसे लोगों को नीतीश कुमार ने बिहार के विकास की जिम्मेदारी सौंप दी है।
विधायक महबूब आलम ने उद्योग मंत्री पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उन पर रेप का मामला दर्ज है, लेकिन उन्होंने अपने शपथ पत्र में इस बात को छुपाया है, इसी तरह लेसी सिंह भी तस्करी के मामले में लिप्त रही हैं। सरकार की जीरो टालरेंस पर की बात बिल्कुल झूठी है। उनके मंत्री रामसूरत राय के स्कूल में शराब की खेप बरामद की जाती है, लेकिन उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
माले विधायकों का कहना है जब तक नीतीश कुमार अपने सभी दागी मंत्रियों की बर्खास्तगी कर नए कैबिनेट का गठन नहीं करते हैं, तब तक यह विरोध जारी रहेगा।
वहीं माले के इस विरोध को एनडीए विधायक ने बेवजह का हंगामा बताया है। हमलोग राजनीति से जुड़े हैं, जिसमें कई बार सामाजिक काम को लेकर हमारे खिलाफ मामले दर्ज किया जाता है। इसे कैसे दागी कहा जा सकता है। उनके लिए लालू प्रसाद जो जेल में सजा काट रहे हैं वह दागी नहीं है, लेकिन हमलोगों के ऊपर कोई केस नहीं है, तो दागी का आरोप लगाया जाता है