बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

1984 सिख नरंसहार को लेकर पूर्व पीएम के बयान पर गिरिराज का तंज, कहा-थोड़ा अपने समाज की चिंता भी करें मनमोहन जी

1984 सिख नरंसहार को लेकर पूर्व पीएम के बयान पर गिरिराज का तंज, कहा-थोड़ा अपने समाज की चिंता भी करें मनमोहन जी

NEWS4NATION DESK : 1984 सिख दंगा को लेकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा दिये गए बयान को लेकर राजनीति शुरु हो गई है। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा है। 

गिरिराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट किया है। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और राजीव गांधी का एक वीडियो पर पोस्ट किया है

ट्वीट में केन्द्रीय मंत्री ने लिखा है कांग्रेस पी० वी० नरसिम्हा राव के नाम के बहाने सिख नरसंहार के अपने पापों को धोना चाहती है लेकिन आइये सुनते है कि कैसे राजीव गांधी ने सीखो से बदला लेने की बात खुले मैदान से की थी। मनमोहन जी को परिवार भक्ति छोड़कर कभी अपने समाज के बारे में भी सोचना चाहिए।

बता दें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजराल की 100वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह कहा कि दिल्‍ली में जब 84 के सिख दंगे हो रहे थे, गुजराल जी उस समय के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए। उन्‍होंने राव से कहा कि हालात बेहद गंभीर है और सरकार को जल्द से जल्द सेना को बुलाने की जरूरत है, लेकिन तत्कालीन सरकार ने गुजराल की सलाह पर गौर नहीं किया। 


गौरतलब है कि 1984 में इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी।  इसके बाद देश के कई शहरों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे।   देश भर में 3 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे।  अकेले दिल्ली में 2 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान गई थी। 

 
दिल्ली के कई इलाकों में जमकर लूटपाट और हत्याएं की गईं। यहां दुकानों, घरों और गुरुद्वारों में लूटपाट करने के बाद उनमें आग लगा दी गई।  पाकिस्तान से आए सिखों की बस्तियों, स्लम और गावों में हत्या और रेप के साथ लूटपाट और आगजनी की वारदातों को अंजाम दिया गया।  घरों में आग लगा दी गई और पुरुषों एवं जवान लड़कों की पीट-पीटकर, तलवार से हत्या कर दी गई। कुछ को जिंदा जलाकर मार दिया गया। बड़ी संख्या में महिलाओं का अपहरण और रेप किया गया।

कहा जाता रहा है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ता इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे।  इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भीड़ सड़कों पर उतर आई और खून के बदले खून का नारा लगा रहा थी।

Suggested News