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पटना के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए 2172 गरीब बच्चों का चयन, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत होगा नि:शुल्क नामांकन

पटना के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए 2172 गरीब बच्चों का चयन, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत होगा नि:शुल्क नामांकन

PATNA :  बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पटना के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्रथम प्रवेश कक्षा में अभिवंचित तथा अलाभकारी समूह के बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षित शीट पर नामांकन के लिए 2172 बच्चों का चयन किया गया है। पटना के डीएम कुमार रवि ने गुरुवार को एनआईसी सॉफ्टवेयर की मदद से रैण्डम पद्धति द्वारा लॉट्री के माध्यम से इन बच्चों का चयन किया।

इस अवसर पर डीएम कुमार रवि ने कहा कि बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत आरक्षित शीटों पर अभिवंचित एवं अलाभकारी समूह के बच्चों का सत्र 2019-20 में नामांकन की प्रक्रिया पहली बार एन0आई0सी0 सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जा रही है। 

डीएम ने कहा कि पटना जिला अंतर्गत निजी विद्यालयों जहां बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के तहत निजी विद्यालयों की संख्या 590 है। सत्र 2019-20 में आवंचित बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत 5012 शीट निर्धारित की गई है। आज तक 2678 प्राप्त नामांकन फॉर्म एन0आई0सी0 सॉफ्टवेयर में अपलोड की जा चुकी है। गुरुवार को 2172 अभिवंचित एवं अलाभकारी समूह के बच्चों का चयन  लॉट्री के माध्यम से रैण्डम पद्धति द्वारा हुआ। 

इसके साथ ही डीएम ने बैठक में उपस्थित सभी निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि अपने-अपने विद्यालयों के चयनित छात्रों को विद्यालय बुलाकर नामांकन करें। नामांकन के समय शिक्षा पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। 

डीएम ने निजी विद्यालय के सभी प्राचार्यों को निर्देश दिया कि  हॉस्पीटल के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और नगर निगम द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र अभिभावकों के द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। अगर अभिभावकों के द्वारा हॉस्पीटल के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और नगर निगम के द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध है, तो बच्चों के अभिभावकों द्वारा जन्म के संबंध में स्व घोषणा पत्र दिया जायेगा जो मान्य होगा।

कुमार रवि ने सभी प्राचार्यों को निर्देश दिया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा चयनित बच्चों की सूची के साथ पत्र दिया गया है। जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि विद्यालयों द्वारा सामान्य बच्चों के तरह नामांकित अभिवंचित वर्ग के बच्चों के साथ व्यवहार किया जाय, कोई भेद-भाव नहीं किया जाय। जो विद्यालय भेद-भाव करेगा वैसे विद्यालयों पर शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी, जिसमें आर्थिक दंड अथवा विद्यालय की सम्बद्धता भी रद्द हो सकती है। 

बैठक में जिलाधिकारी कुमार रवि के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी ज्योति कुमार, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी  अनिल कुमार चौधरी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान नीरज कुमार, अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक एस0 जीत कुमार, सभी विद्यालयों के प्राचार्य, अभिवंचित वर्ग के बच्चों के अभिभावक सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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