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नौनिहालों के हिस्से का 219 क्विंटल एमडीएम का चावल गटक गए अधिकारी, प्राथमिकी के बाद जिला भर से एमडीएम की जांच की उठने लगी मांग

नौनिहालों के हिस्से का 219 क्विंटल एमडीएम का चावल गटक गए अधिकारी, प्राथमिकी के बाद जिला भर से एमडीएम की जांच की उठने लगी मांग

MOTIHARI : मोतिहारी में शिक्षा विभाग व संवेदक मिलकर नौनिहालों के हक के 219  किविंटल चावल गटक गए। पताही प्रखंड में एमडीएम के चावल वितरण में भारी गड़बड़ी का मामला उजागर होने के बाद जांच में हुए बड़ी खुलासे के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है । वहीं विभाग में हड़कंप मचा हुआ है । 

पताही प्रखंड में फर्जी संवेदक द्वारा एमडीएम का चावल वितरण में दो प्रकार के आवंटन में एक प्रक्रार के आवंटन का चावल कालाबजारी में बेचने की खबर आने पर डीईओ द्वारा सभी विद्यालय जांच कराया गया ।जांच में 219 क्विंटल चावल बिना वितरण के कालाबजारी करने का खुलासा हुआ है । डीईओ के आवेदन पर पताही थाना में बीआरपी व संवेदक पर चावल गबन का प्राथमिकी दर्ज कराया गया है । प्राथमिकी होने के बाद शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में है ।


स्वतंत्र एजेंसी करे मामले की जांच

आमलोग यह कहते नही थक रहे कि पताही प्रखंड के वितरण का स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराया जाय तो चावल फर्जीवाड़ा की मात्रा लगभग 800 क्विंटल तक पहुच सकती है । ग्रामीण यह कहते नही थक रहे कि आखिर स्कूल के नौनिहाल के इतने बड़े घोटाले के बाद भी शिक्षा विभाग  कैसे अनजान बनी रही । जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास ही एमडीएम रहने के बाद भी इसका निरीक्षण कैसे नही हुआ । प्रत्येक प्रखण्ड में बीईओ, बीआरपी, एमडीएम प्रभारी रहने के बाद भी इतनी बड़ी नौनिहाल के निवाला का  घोटाला कैसे हुआ । ग्रामीण फरवरी माह के एमडीएम के पूरे जिले की सूक्ष्म जांच कराने की मांग वरीय अधिकारी से कर रहे है । 

सूत्रों की माने जिला के अधिकांश प्रखंड में फरवरी माह में वितरण व भोजन के लिए दो-दो आवंटन एमडीएम को मिला था । लेकिन शिक्षा विभाग के मिली भगत से एक ही आवंटन का चावल वितरण कर एक योजना का घोटाला कर लिया गया है । वहीं मोटी राशि कमीशन के नाम पर प्रखण्ड से लेकर जिला तक के अधिकारी में बंदरबाट किया गया है । फरवरी माह में जिला में नौनिहाल के निवाला के लिए जनवरी से 15 फरवरी तक 34 दिनों के लिए 26845 क्विंटल और 16 से 27 फरवरी तक नौ दिन के लिए 7106 क्विंटल चावल का आवंटन जिला मध्याह्न भोजन कार्यालय को प्राप्त हुआ था । जो नौनिहाल के बीच वितरण करना था।

कामधेनु बन चुका है एमडीएम

सूत्रों की माने तो सरकार के निर्देश पर हो रहे पंचायत के विकास जांच में भी कई प्रखंडो के शिक्षा विभाग की पोल खुल रही है ।जिला के अधिकांश स्कूल के एचएम के लिए एमडीएम कामधेनु बना हुआ है । स्कूल में 20 बच्चे उपस्थित रहते है लेकिन वरीय पदादिकारी के मिलीभगत से प्रतिदिन सैकड़ो बच्चों की उपस्थिति बनाकर रिपोर्ट भेजकर राशि का गबन किया जाता है । सरकार स्कूल में नौनिहाल के बेहतर शिक्षा व्यवस्था व सुचारू मेनू के अनुसार एमडीएम दिलाने के मोनेटरिंग के लिए जिला से लेकर प्रखण्ड तक कई अधिकारी की पोस्टिंग की गयी है । 

सभी प्रखंडों की हो जांच

उसके बाद भी इतना भारी गड़बड़ी अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर रहा है । ग्रामीण फरवरी माह के जिला भर के एमडीएम चावल उठाव व वितरण की जांच वरीय पदाधिकारी के नेतृत्व में कराने की मांग कर रहे है ।जांच में उठाव वितरण सहित बच्चों व अभिभावक से पूछताछ किया जाय तो बड़ी खुलासा से इनकार नही किया जा सकता ।


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