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सुशासन राजः शाहाबाद रेंज के 22 थानेदार बालू-शराब के अवैध धंधे में शामिल ! शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

सुशासन राजः शाहाबाद रेंज के 22 थानेदार बालू-शराब के अवैध धंधे में शामिल ! शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

PATNA: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। वर्तमान में सूबे में बालू बंदी भी है। इसके बाद भी दोनों का अवैध धंधा खुल्लम-खुल्ला जारी है। इस अवैध धंधे में पुलिस के अधिकारियों की संलिप्तता सामने आती है। बालू के अवैध खनन संलिप्तता सामने आने के बाद 2021 में भोजपुर और औरंगाबाद के एसपी,चार एसडीपीओ व एक दर्जन से अधिक थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. वे अधिकारी आज भी निलंबित हैं. इसके बाद भी थानेदारों की मिलीभगत से अवैध बालू का खनन व शराब की सप्लाई जारी है. शाहाबाद रेंज में बड़ी संख्या में थानेदारों के खिलाफ बालू-शराब में संलिप्तता की शिकायत मिली है। पर कार्रवाई आज तक नहीं हुई। गेंद को एक-दूसरे के पाले में फेंकने की कार्रवाई जारी है. 

बालू-शराब माफियाओं से मिलकर थानेदार ने इंस्पेक्टर को धमकाया था

बक्सर के मुफस्सिल थानेदार ने तो हद पार कर दिया था। उत्पाद इंस्पेक्टर को धमकाने के मामले में आरोपी थानेदार के खिलाफ जांच भी बिठाई गई,पर कार्रवाई कुछ नहीं हुई। सूचना के तहत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है कि बालू-शराब में थानेदार के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। बिहार के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने सूचना के अधिकार के तहत डीआईजी शाहाबाद से जानकारी मांगी थी. शाहाबाद डीआईजी दफ्तर से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार उन्हें यह पता नहीं कि थानेदारों के खिलाफ बालू-शराब में मिलीभगत की शिकायत आई उसमें क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने मामले को संबंधित जिलों के एसपी को रेफर कर दिया। 

डीआईजी शाहाबाद ने दी जानकारी 

आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी. उसमें यह पूछा गया था कि वैसे थाना प्रभारी जिनके विरुद्ध शराब, बालू, भू माफियाओं से सांठगांठ रखने से संबंधित कितनी शिकायतें मिली हैं. उसमें क्या कार्रवाई हुई. इसका ब्यौरा देने की मांग की गई थी। इस पर पुलिस उपमहानिरीक्षक ने 21 सितंबर 2022 को जानकारी दी है. उसके तहत बक्सर के नगर थाना प्रभारी के खिलाफ दो, मुफस्सिल थाना अध्यक्ष के खिलाफ दो, कैमूर जिले के मोहनिया थानाध्यक्ष के खिलाफ दो, रामगढ़ थाना एक, भगवानपुर एक, चैनपुर थाना एक, कुदरा थाना-एक, और नुआंव थाना-1. वहीं भोजपुर के आरा नगर थानाध्यक्ष के खिलाफ एक, नवादा थाना दो, खवासपुर op-1, मुफस्सिल थाना एक, बड़हरा एक, कोईलवर एक, नारायणपुर एक एवं तरारी में एक शिकायत मिली है। रोहतास जिले के तहत डिहरी(मुफस्सिल)- एक, सासाराम नगर दो, कछवा एक, डेहरी नगर एक, अकोरही गोला एक, दरिहट से एक शिकायत मिली है। डीआईजी कार्यालय ने जानकारी दी है कि इस संबंध में संबंधित पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए भेजा गया है.

बालू-दारू में संलिप्त थानेदारों को बचाने वाले बड़े अधिकारियों पर हो एक्शन 

बिहार के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय कहते हैं कि बालू के अवैध खनन में एस पी, डी एम तक नप गए. पर उन थाना प्रभारियों को किसका संरक्षण प्राप्त हैं?  क्यो नहीं आर्थिक अपराध इकाई बालू शराब, भू माफियो को संरक्षण देने वाले थाना प्रभारियों को बचाने वाले एसपी, डीएसपी, एसडीओ पर करवाई कर रहा.  हैं.डीआईजी ने चार जिलों के एसपी को पत्र भेजे हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ कहा जाता है कि दागी फील्ड में नहीं रहेंगे,दूसरी तरफ जिनके खिलाफ शिकायत है उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। 

एक्साइज इंस्पेक्टर ने बक्सर के मुफस्सिल थानेदार की खोली थी पोल 

बक्सर से चौसा चेकपोस्ट पर तैनात मद्ध निषेध के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह ने जिले के मुफस्सिल थानेदार की पोल खोली थी। उन्होंने विभाग के वरीय अधिकारी व जिले के डीएम को फोन कर बक्सर के मुफस्सिल थानेदार अमित कुमार की पोल खोली थी। पत्र में एक्साइज इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह ने बालू और शराब माफियाओं से थानेदार की मिलीभगत की शिकायत की थी.  पत्र में 14 मई 2022 की घटना का जिक्र किया गया था। थानेदार पर आरोप था कि चौसा चेक पोस्ट पर वाहन चेकिंग के दौरान थानेदार ने अश्लील शब्द का प्रयोग किया था और धक्का-मुक्की कर सरकारी कार्य को प्रभावित किया था.ऐसा बालू माफियाओं के पक्ष में आकर किया था। 

बालू माफियाओं से थानेदार की सांठगांठ 

बक्सर के मद्ध निषेध के अधीक्षक को लिखे पत्र में इंस्पेक्टर ने कहा था कि 14 मई को चौसा चेकपोस्ट से भागे वाहन को रेलवे ढाला चौसा से वापस चेक पोस्ट पर लाकर उसकी चेकिंग चल रही थी. उसी समय रात्रि में मुफस्सिल थाना अध्यक्ष अमित कुमार 20-25 अन्य लोगों के साथ पहुंचे और गाली गलौज करते हुए हाथापाई करने लगे. एक बार मेरे गर्दन पर जोरदार झटका भी दिया. उनके साथ आए अन्य लोग उनका साथ दे रहे थे. थानेदार की धक्का-मुक्की और जानलेवा हमला को देखकर हमने तुरंत अपर मुख्य सचिव को रात में 9:10 पर फोन कर जानकारी दी। हमने घटनास्थल से ही जिलाधिकारी बक्सर को भी सूचित किया था. इसके बाद मामला बढ़ता देख थानेदार पीछे हटने लगे. थानेदार अमित कुमार द्वारा जानबूझकर सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न किया गया. इन तमाम घटनाओं के जड़ में बालू का कारोबार है. चौसा यादव मोड़ पर बालू माफियाओं का झुंड आता है. वह बराबर गाड़ी चेंज कर उत्तर प्रदेश आते जाते रहते हैं. चेकिंग के लिए गाड़ी घेरने पर विवाद किया जाता है और थाना के नाम से धमकी दिया जाता है।  उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर ने कहा है कि इस विवाद का जड़ मेरे द्वारा बालू संबंधित ट्रक को रोकना एवं इसकी सूचना खनन पदाधिकारी को देना है। यही वजह है कि बालू माफियाओं के पक्ष में थानेदार खड़े हो गए हैं. इसके बाद डीएम ने जांच बिठाई। जांच का रिजल्ट क्या निकला किसी को पता नहीं.

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