NEWS4NATION DESK : देश के राजनीतिक दलों की आय में इस साल जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान देश की 25 पार्टियों की कमाई एक साल में 329 करोड़ रुपए से बढ़कर 1155 करोड़ रुपए के पार जा पहुंची है। सालभर में इसमें 251% का इजाफा हुआ है। खास बात यह है कि ये आंकड़े सिर्फ 25 पार्टियों के हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
राजनीतिक दलों के उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे ज्यादा आय ओडिशा की क्षेत्रीय पार्टी बीजू जनता दल ने घोषित की है। दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और तीसरे नंबर पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) है। इन तीनों पार्टियों की आय 630.67 करोड़ रुपए है, जो कुल पार्टियों की आय के 54% से भी ज्यादा है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान इन 25 पार्टियों के सबसे ज्यादा आय चुनावी बॉन्ड्स से हुई है। इसका आंकड़ा 50 फीसदी से ज्यादा है। दान से इन पार्टियों को 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिली है, जो इन दलों की कुल आय का करीब 26 फीसदी है। इसके अलावा सदस्यता शुल्क व अन्य मदों से भी पार्टियों को कमाई हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 के दौरान 3 राष्ट्रीय दलों को मिलाकर 22 पार्टियों ने अपनी आय से कम खर्च किया है। आय से कम खर्च करने के मामले में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी एक नबंर पर है। वहीं 6 पार्टियों ने अपनी आय से अधिक खर्च की जानकारी दी है।
वहीं भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, माकपा, द्रमुक, राजद, शिवसेना, तेलुगु देशम पार्टी जैसे 5 राष्ट्रीय और 30 क्षेत्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है, जबकिचुनाव आयोग में रिपोर्ट पेशकरने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2019 तक थी। सिर्फ 3 राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट तय समय सीमा के भीतर जमा की है।