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28 सितंबर को बिहार और झारखंड में रिलीज होगी फिल्म, ‘मुझे भी ये दुनिया देखनी है’

28 सितंबर को बिहार और झारखंड में रिलीज होगी फिल्म, ‘मुझे भी ये दुनिया देखनी है’

PATNA: सिनेमा को समाज का दर्पण कहा गया है क्योंकि सिनेमा सिर्फ लोगों का मनोरंजन ही नहीं बल्कि वह काफी कुछ सीख भी देती है. बॉलीवुड में इन दिनों जनजागृति वाली फिल्में काफी बनने लगी है जिन्हें दर्शक पसंद कर रहे हैं.

कुरीति को उजागर करती रोंगटे खड़े करने वाली फिल्म

सत्यप्रकाश मंगतानी की यह फिल्म समाज में फैली ऐसी कुरीति को उजागर करती है, जिसके बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते है. दरअसल, उनकी यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित है. डॉक्टरों से पता चलने पर जिन्हें पेट में ही मार दिया जा रहा है. जन्म लेने से पहले ही बेगुनाह बेटियों को मां की कोख में ही हत्या की जा रही है. फिल्म में छ: गाने है सारे गाने काफी खूबसूरत और मधुर हैं. जिन्हें गाया है कुमार सानू, अलका यागनिक, साधना सरगम, आलोक कुमार, शमहिता शैलेश और अनूप जलोटा ने.

सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से भी प्रेरित है फिल्म

फिल्म का टायटल सांग अलका याज्ञनिक ने गाया है. जिसका गीत संगीत सत्यप्रकाश मंगतानी का है. खासतौर पर "मुझे भी यह दुनिया देखनी है" सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से भी प्रेरित है. इसलिये सत्यप्रकाश मंगतानी चाहते हैं कि प्रदेश की सरकारें अपने-अपने राज्य में फिल्म को टैक्स फ्री करे, जिससे यह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक यह अपनी पहुंच बना सके. बता दें कि जेनुइन एंटरटेनमेंट कार्पोरेशन के बैनर तले बनी इस फिल्म को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड कंसल्टिंग कॉरपोरेशन यूएसए द्वारा सर्वश्रेष्ठ सामाजिक जागरूकता फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार यशराज फिल्मस के साथ "मुझे भी यह दुनिया देखनी है" को मिला है. 

देश की महान सभ्यता और संस्कृति को बचाने की कोशिश

फिल्म 28 सितंबर को बिहार और झारखंड में मां गिरिजा फिल्म्स के वितरण में मिशन कायाकल्प के राजीव नयन के सहयोग से रिलीज़ हो रही है. देश में सबसे पहले इस फ़िल्म को बिहार में रिलीज़ करने का मकसद ये है कि हमारे देश की महान सभ्यता और संस्कृति अगर कहीं बचने में सफल रही है तो यहां बिहार में. ये कहना है सत्यप्रकाश मंगतानी का जो भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए दृढ संकल्प हैं. सत्यप्रकाश फ़िल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार जे ओमप्रकाश के सानिध्य में रहे हैं जिन्होंने भी सामाजिक विषयों पर बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. कन्या भ्रूण हत्या और बेटी बचाओ पर आधारित ये मनोरंजक फ़िल्म को देखने के लिए सारे देश की जनता बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है. इस फ़िल्म को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कई अफसरों ने देखकर सन्मान पत्र दिया है और सराहना की है. इस फ़िल्म को ऑस्कर में भेजने की तैयारी चल रही है. सवा दो घंटे की इस फ़िल्म में दर्शकों को सामाजिक संदेश के साथ भरपूर मनोरंजन मिलेगा ऐसा कहना है शक्तिमान मुकेश खन्ना और प्रसिद्ध अभिनेत्री जयश्री टी का जिन्होंने इस फ़िल्म में बहुत अच्छी भूमकाएं साकार की हैं. 

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