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स्वास्थ्य विभाग ने सात साल काम कर रहे 32 डाटा इंट्री ऑपरेटर को काम से निकाला, यह बताया वजह

स्वास्थ्य विभाग ने सात साल काम कर रहे 32 डाटा इंट्री ऑपरेटर को काम से निकाला, यह बताया वजह

सीतामढ़ी। एक तरफ बिहार में रोजगार की कमी है, वहीं दूसरी तरफ  जिले  के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रो मे काम कर रहे है 32 डाटा इन्ट्री आपरेटर को काम से बाहर का रास्ता दिखला दिया है जिसको लेकर वैसे लोगो मे हड़कम्प की स्थिति है। जिसके बाद काम पर वापस रखे जाने को लेकर सभी डाटा इंट्री ऑपरेटरों द्वारा सीएस कार्यालय के पास प्रदर्शन किया हैं

बताया जाता है कि सरकार के एजेन्सी के द्वारा इन सभी डाटा इन्ट्री आपरेटर को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा गया था। अब सात साल काम करने के बाद सरकार ने उन एजेन्सी की जगह अब दूसरे एजेन्सी को कान्ट्रेक्ट दे दिया है। जिसके बाद इनको काम से हटा कर दूसरे लोगों को इनकी जगह काम पर रखा जा रहा है। काम से बेदखल लोगों मे हड़कम्प की स्थिति है।

सीएस पर साजिश का आरोप

 हालात यह है कि लोगों ने सिविल सर्जन और जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय मे जमकर हंगामा किया। काम से हटाये गये लोगों का कहना है कि उनके द्वारा कोरोना काल मे जिला प्रशासन को सहयोग किया गया था लेकिन सिविल सर्जन एक साजिश के तहत उनका समायोजन नये एजेन्सी के साथ नही कर रहे हैं। उनका वेतन भी पिछले कई महीनो से बकाया है ।सिविल सर्जन के मनमानी को लेकर काम से बेदखल किये गये सभी डाटा इन्ट्री आपरेटर जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय के समीप भूख हड़ताल पर बैठ गये है ।

सीएस ने किया बचाव

मामले में सीएस का कहना है कि सभी डाटा इंट्री ऑपरेटर की संविदा अवधि पिछले साल ही समाप्त हो गई थी, जिसे अब तक रिन्यूल नहीं किया गया था। जबकि मुझे अप्रैल में सीएस की जिम्मेदारी मिली, तब से कई बार इनके वेतन भुगतान के लिए सरकार को पत्र जारी कर पैसे की मांग की गई है, लेकिन कांट्रेक्ट की अवधि खत्म होने के कारण पैसा जारी नहीं किया गया। अब नए आदेश में एजेंसी बदले जाने के कारण नए लोगों को रखने का निर्देश दिया गया है। 


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