भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री का आज 34वां जनदिन है. उनका जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकन्दराबाड़, आंध्र प्रदेश में हुआ था. सुनील एक नेपाली मूल के प्रसिद्ध भारतीय फुटबॉलर हैं. भारतीय टीम के लिए अब तक 101 इंटरनेशनल मैच खेले हैं जिसमे उन्होंने कुल 64 गोल किए हैं। उनकी मां का नाम सुशीला और पिता का नाम खरगा छेत्री है और दोनों अच्छे फुटबॉल प्लेयर भी रह चुके हैं. शायद इसीलिए बचपन से ही उनकी भी रूचि फुटबॉल में रही है. उनकी दो बहनों ने भी नेपाल की महिला टीम से फुटबॉल खेला था।
दरअसल, सुनील छेत्री जब 17 साल के थें तब उन्होंने अपना फुटबॉल करियर दिल्ली में 2001 में शुरू किया। इसके एक साल बाद उन्हें मोहन बागान की टीम में शामिल कर लिया गया और तभी से उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत हुई। उनके पिता इंडियन आर्मी में थें और इसीलिए वह एक जगह रह कर पढ़ाई नहीं कर पाएं। उन्होंने अपनी पढ़ाई गंगटोक, दार्जलिंग, कोलकाता और दिल्ली से पूरी की है। 2010 में उन्हें कान्सास सिटी विजार्ड्स के लिए चुना गया था और तभी वह मोहम्मद सलेम और बाइचुंग भूटिया के बाद फॉरेन क्लब के लिए खेलने वाले तीसरे भारतीय फुटबॉलर बने। 2007, 2009 और 2012 में उन्होंने नेहरू कप और 2011 में SAFF चैंपियनशिप में भारतीय टीम को जीत दिलाया था. 2007, 2011, 2013 और 2014 यानी चार बार उन्हें AIFF प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया।
इंटरनेशनल गोल करने के मामले में सुनील छेत्री सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में लियोनल मेसी के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं और सक्रिय फुटबॉलर्स में सबसे ज्यादा गोल पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने 150 मैचों में 81 गोल किए हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने मेसी और रोनाल्डो के बारे कहा, "वह दोनों मेरी प्रेरणा हैं. वे लोग का क्लास ही अलग है. उनकी तुलना मुझसे नहीं की जा सकती। उनके मुकाबले मै कुछ भी नहीं हूँ." उनकी वैवाहिक जीवन की बात करें तो उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड सोनम भट्टाचार्य से शादी किया है जो मोहन बागान के दिग्गज सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी हैं।जहां तक भारतीय फुटबॉल का सवाल है, Chettri पहले से ही एक लैजेंड है। भारतीय फुटबॉल इतिहास के इतिहास में उनके योगदान हमेशा सोने में लिखे जाएंगे। शब्द की सच्ची भावना में एक चैंपियन।