PATNA: आरजेडी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जड़ें कमजोर करने का फैसला किया है। दलितों और अतिपिछड़ों के वोट बैंक पर नीतीश कुमार की पकड़ काफी मजबूत मानी जा रही है। अब इसमे सेंध लगाने का फैसला करते हुए आरजेडी ने अपने संगठन चुनाव में एससी-एसटी और अतिपिछड़ों को 45 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है।
तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर बुधवार को आरजेडी की संगठनात्मक चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक हुई। पार्टी के विधान सभा सदस्यों, विधान परिषद सदस्यों, जिला निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्षों की संयुक्त बैठक राज्य निर्वाचन पदाधिकारी तनवीर हसन की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे द्वारा किया गया। बैठक में प्रखंड और पंचायत स्तर पर एससी-एसटी के लिए 17 प्रतिशत और अति पिछड़ा वर्ग के लिए 28% सीटे आरक्षित करने का फैसला लिया गया।
समीक्षा बैठक में आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव द्वारा प्रस्तुत पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अतिपिछड़ों के लिए 45 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को सर्वसम्मत से स्वीकृत किया गया। प्रखंडों एवं पंचायत अध्यक्षों के पदों पर अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 17 प्रतिशत और अतिपिछड़ों के लिए 28 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। शेष 55 प्रतिशत प्रखंड एवं पंचायत के अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग के लिए रखा गया है। यह आरक्षण संगठनात्मक चुनाव के वर्षों में रोस्टर के आधार पर लागू होगा।
प्रत्येक जिला के आरक्षित प्रखंड अध्यक्षों का रोस्टर संबद्ध जिल निर्वाचन पदाधिकारी/सहायक जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्षों को सौंप दिया गया है। आरक्षित पंचायत अध्यक्षों के चयन के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष को अधिकृत कर दिया गया है।