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4624 ठेकेदारों और सप्लायरों ने की टैक्स चोरी, अब एक्शन की तैयारी

4624 ठेकेदारों और सप्लायरों ने की टैक्स चोरी, अब एक्शन की तैयारी

PATNA :  बिहार में इस साल मार्च तक 7616 संवेदकों या आपूर्तिकर्ताओं ने राज्य सरकार से 7369 करोड़ का भुगतान प्राप्त किया । लेकिन इनमें से 4624 संवेदकों ने 4687 करोड़ का भुगतान लेने के बावजूद विवरणी दाखिल नहीं कर टैक्स चोरी की है। ऐसे संवेदकों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है। पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित जीएसटी के अन्तर्गत कर भुगतान पर ‘टीडीएस-टीसीएस कटौती’ शुभारंभ कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि गैरनिबंधित संवेदकों को कोई आपूर्ति आदेश नहीं दिया जायेगा। विवरणी दाखिल नहीं करने वालों का भुगतान रोक दिया जायेगा। टीडीएस कटौती का मकसद टैक्स चोरी को रोकना है। वर्ष 2016-17 में टीडीएस के माध्यम से 1580 करोड़ की प्राप्ति हुई जो राज्य के कुल राजस्व का मात्र 8.25 प्रतिशत है। 

5 प्रतिशत की दर से कर में कटौती

जीएसटी लागू होने के बाद निर्माण कार्य से जुड़ी 25 से ज्यादा सामग्री जिनमें सिमेंट, बालू, स्टोन चिप्स, ग्रनाईट, फ्लाई एश ब्रिक्स, मार्बल, फ्लस डोर, प्लाईवुड आदि पर कर की दरों में भारी कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि 75 फीसदी से अधिक मिट्टी कार्य करने वाले संवेदकों से 5 प्रतिशत की दर से कर में कटौती की जायेगी परंतु उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। जबकि अन्य कार्यों से जुड़े संवेदकों को 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। लेकिन उन्हें निर्माण सामग्री की खरीद के दौरान किए गए कर भुगतान का क्रेडिट मिलेगा। 

विवरणी दाखिल नहीं करने पर कार्रवाई

राज्य के संवेदकों से 1 प्रतिशत सीजीएसटी एवं 1 प्रतिशत एसजीएसटी की दर से तथा राज्य के बाहर के आपूर्तिकर्ता से 2 प्रतिशत की दर से आईजीएसटी की कटौती की जायेगी। इसके लिए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी तथा संवेदकों को निबंधन कराना तथा कटौती की स्थिति में मासिक विवरणी दाखिल करना अनिवार्य होगा। समय पर विवरणी दाखिल नहीं करने वाले निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी से 200 रुपये प्रतिदिन की दर से विलम्ब शुल्क और 1.5 प्रतिशत की दर से मासिक ब्याज वसूला जायेगा। दंड की इस राशि की वसूली उनके वेतन से की जा सकती है।

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