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48 घंटे में जहरीली शराब से पांच लोगों की मौत पर गरमाई सियासत, पुलिस पर आरोप बिना पोस्टमार्टम के ही कराया अंतिम संस्कार

48 घंटे में जहरीली शराब से पांच लोगों की मौत पर गरमाई सियासत, पुलिस पर आरोप बिना पोस्टमार्टम के ही कराया अंतिम संस्कार

मुजफ्फरपुर। जिले में पिछले तीन दिन में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है. जिस पर अब सियासत शुरू हो गई है। जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने इस बात की पुष्टि की कि गांव में पांच लोगों की मौत हो गई है लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है। वहीं, पीड़ित परिवार के एक सदस्य खेलावन मांझी ने शनिवार को बताया कि कटरा थाना क्षेत्र के दरगाह गांव में शराब पीने के बाद लोगों की मौत हो गई. भाजपा विधायक सहित कई राजनीतिक नेताओं ने भी मांझी के दावे का समर्थन किया है। फिलहाल व के चौकीदारी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें चार लोगों की मौत की चर्चा की गई है। वहीं इलाके के पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। 

सिर्फ एक शव ही बरामद कर सकी पुलिस

शुक्रवार को विनोद मांझी के अलावा अजय मांझी व सोनल कुमार की भी मौत की भी चर्चा इलाके में होती रही। पर, पुलिस सिर्फ विनोद का शव ही बरामद कर सकी है। अन्य दो के आनन-फानन में दाह संस्कार कर दिये जाने की बात इलाके में तैरती रही। ग्रामीणों की मानें तो जिन पांचों मृतकों के नाम गिनाये जा रहे हैं, वे सभी एक ही जगह अपना धंधा करते थे। आधा दर्जन अन्य ग्रामीण के भी बीमार होने और चोरी-छिपे इलाज कराये जाने की चर्चा चल रही है। इधर, विनोद के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने से एफआईआर में कई की अड़चनें आ रही हैं।

पुलिस पर लग रहे आरोप

मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है, जिसमें पुलिस पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि शराब पीने के मार गए लोगों का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और आनन फानन में उनका अंतिम संस्कार करा दिया गया। पांच लोगों में सिर्फ एक का ही पोस्टमार्टम कराया गया है।

गोपालगंज का मामला भी साथ में

बिहार में शराब प्रतिबंधित है, फिर भी यह हर जिले में आसानी से उपलब्ध है। मुजफ्फरपुर से पहले गोपालगंज में भी जहरीली शराब के सेवन के कारण पांच लोगों की जान जा चुकी है, वहीं दो युवकों ने अपनी आंख की रोशनी गंवा दी है। इन मौतों के बाद अब दिखावे के नाम पर पुलिस अपनी कार्रवाई करने में जुटी है। सवाल यह है कि प्रतिबंध के बाद भी बिहार में शराब के कारोबार पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है


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