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अटल बिहारी बाजपेयी की 6 अनकही कहानियां

अटल बिहारी बाजपेयी की 6 अनकही कहानियां

N4N desk: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से तमाम लोगों को बड़ा धक्का लगा है. राजनेताओं से लेकर फिल्म और खेल जगत के सितारें भी उन्हें श्रद्धांजलि देने से पीछे नहीं हट रहे हैं. आज उनकी अंतिम संस्कार किया गया और उनकी अंतिम यात्रा में  मंत्री भी शामिल हुए. आज भले ही अटल जी हम सब के बीच नहीं हैं पर उनकी दूरगामी सोच, कविताओं और साहित्य हमेशा उनकी याद दिलाएगी। उनके जीवन में कई ऐसी घटनाएं घटीं, कई उतार चढ़ाव आए लेकिन वह कभी भी हार नहीं माने। वह हमेशा अपनी गलतियों को सीख की तरह माना है. आज हम आपको उन इतिहास के पन्नों की कुछ ऐसी ही घटनाए बताएंगे जो अटल बिहारी वाजपेयी के साथ घटित हुईं थीं. 

1. एक घटना ऐसी है जब इंदिरा गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचना करते हुए कहा था कि वो बहुत हाथ हिला-हिलाकर बात करते हैं। इसपर अटल जी ने जवाब दिया था 'वो सब तो ठीक है, आपने किसी को पैर हिलाकर बात करते देखा है क्या?'

2. यह घटना 1975 की है जब देश में आपातकाल लागू था और इंदिरा गांधी की खूब आलोचना हुई थी. 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई थी और उसके अलावा देश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। तब कांग्रेस ने इंदिरा गांधी को पार्टी का नंबर वन नेता बताया था। इसी पर अटल जी ने कहा था 'इंदिरा गांधी नंबर एक, नंबर दो कौन है? नारी नंबर एक, बाकी सब दस नंबरी'। 

3. तीसरी घटना 1979 की है जब अटल बिहारी वाजपेयी आगरा गए हुए थे। उस वक़्त देश में दाल का संकट छाया हुआ था। उस पर उन्होंने कहा था कि दाल भी मेरी ही तरह है। अगर घर में मेहमान आ जाएं तो 'तीन बुलाए तेरह आए, दे दाल में पानी' जैसी स्थिति हो जाती है। 

4. 1999 में जब प्रधानमंत्री रहते अटल जी बस यात्रा करते हुए लाहौर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने वहां के गवर्नर हाउस में जबरदस्त भाषण दिया था और पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा था 'आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं। इतिहास बदल सकते हैं, भूगोल नहीं'। 

5. 1985 में जब ग्वालियर में लोकसभा चुनाव में 45 हजार वोटों से पिछड़ गए थें. इसके बाद वह अपनी पराजय को स्वीकार करते हुए सिंधिया को बधाई दी थी और अपने समर्थकों से कहा था- भूखे भजन न होय गोपाला, चल चलें चंबल की शाला। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था- बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले हम। 

6. एक घटना 1980 की है. हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भजन लाल ने अपने समर्थकों सहित जनता पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। तब वाजपेयी जी ने उनपर चुटकी लेते हुए कहा था 'भजनलाल पूरी भजन मंडली सहित कांग्रेस में कीर्तन करने चले गए'। 


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