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62 की उम्र में बीए की परीक्षा देने पहुंचा भाजपा का यह विधायक, बिहार के नेताओं को लेनी चाहिए सीख

62 की उम्र में बीए की परीक्षा देने पहुंचा भाजपा का यह विधायक, बिहार के नेताओं को लेनी चाहिए सीख

पटना। बिहार में राजनीति में नाम कमाने के बाद कुछ लोग सिर्फ शिक्षा पर भाषण देते हैं, लेकिन खुद कभी अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं दिखते हैं। ऐसे लोगों के लिए राजस्थान का एक भाजपा विधायक उदाहरण बन सकता है। जो 62 साल की उम्र में बीए की परीक्षा देने पहुंचे थे। परीक्षा में शामिल होने को लेकर जब उनसे पूछा गया कि इस उम्र में पढ़ाई करने की क्या जरुरत पड़ी. इस पर विधायक महोदय ने जो कुछ कहा - वह बिहार के उन तमाम नेताओं के लिए सबक की तरह है, जिनके लिए शिक्षा सिर्फ भाषणों तक सीमित है। विधायक महोदय ने कहा कि वह अपनी पढ़ाई इसलिए पूरी करना चाहते थे क्योंकि स्कूलों में भाषण देने के दौरान उन्हें शर्मिंदगी होती थी कि वह बच्चों को कैसे पढ़ने के लिए कहें, जब खुद की शिक्षा अधूरी है।

बीए की परीक्षा में शामिल होनेवाले इस विधायक का नाम फूल सिंह मीणा है, जो राजस्थान के उदयपुर ग्रामीण से भाजपा के एमएलए हैं। जो इन दिनों वर्द्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा की ओर से आयोजित बीए फाइनल की परीक्षा दे रहे हैं। विधायक फूल सिंह बताते हैं कि उस समय घर के हालात ठीक नहीं थे, इस कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। रोजगार के लिए गृह जिला भीलवाड़ा छोड़कर उदयपुर आना पड़ा और यहां मजदूरी करने लगे और यहीं के बनकर रह गए। मजदूरों का साथ मिलने पर उन्होंने उदयपुर नगर परिषद के लिए पार्षद का चुनाव लड़ा और विजयी रहे। 

40 साल पहले छूट गई थी पढ़ाई

चालीस साल पहले पढ़ाई छूट गई थी लेकिन पढ़ाई का जुनून अभी बाकी था। जब कभी स्कूलों में बच्चों को भाषण देते तो शर्मिंदगी रहती थी कि खुद के पढ़े नहीं होने पर वह कैसे बच्चों को सीख दें। पढ़ाई ना करने की कसक हमेशा दिल में रहती थी।  इसके बाद उन्होंने मन में ठान लिया कि पढ़ना होगा और इस काम में उनकी बेटियों ने उनकी मदद की। वह कहते हैं कि मुझे लगता था मैं खुद पढ़ा-लिखा नहीं हूं और स्कूली बच्चों को पढ़ने की शिक्षा देता हूं। अब मुझे ऐसा नहीं लगता। अब वह छोटे बच्चों को ही नहीं, बल्कि बड़ों को भी पढ़ने की सलाह देते हैं। 

बेटियों ने की मदद

बेटियों ने ही पहली बार साल 2014 में ओपन स्कूल से दसवीं की फार्म भरवाया दिया, लेकिन विधायक बनने के बाद बढ़ी व्यस्तता की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए। इसके अगले साल बाद फिर बेटियों ने फार्म भरवाया और दसवीं पास कर ली। साल 2016-17 में बारहवीं पास की और अब 2021 में बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं। विधायक फूल सिंह की पांच बेटियां हैं और सभी पढ़ी-लिखी हैं। चार बेटियां पोस्ट ग्रेजुएट हैं, जबकि एक बेटी पुणे से लॉ की पढ़ाई कर रही है। वह फख्र से बताते हैं कि बेटियों ने उन्हें परीक्षा की तैयारी करवाई।

इनसे सीखें बिहार के माननीय

अगर 62 साल की उम्र में फूल सिंह मीणा सिर्फ शर्मिंदगी से बचने के लिए फूल सिंह मीणा अपनी पढ़ाई के लिए इतने गंभीर हैं, तो बिहार में उनके आधे उम्र वाले बड़े ओहदे पर बैठे कुछ नेता ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। शायद इससे उन पर लगनेवाले आरोप को हमेशा के लिए दूर करने में मदद मिल सके और वह भी बच्चों के सामने अपने पद के कारण नहीं, बल्कि शिक्षा के कारण सिर उठा कर बात कर सकें।




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