Desk: गुजरात में 66 साल के लंबे अरसे के बाद पहली बार फांसी की सजा मिलने जा रही है. सूरत के लिम्बयत में साढ़े तीन साल की मासूम से दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के दोषी अनिल यादव की फांसी के लिए सेशन कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. इससे पहले दोषी अनिल यादव ने अपनी फांसी की सजा को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि उसको कोई राहत नहीं मिली थी और गुजरात हाईकोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा था.
अब सूरत की सेशन कोर्ट ने दोषी अनिल यादव को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है. अब 29 फरवरी की सुबह 4 बजकर 39 मिनट पर आरोपी अनिल यादव को फांसी दी जाएगी. इसके बाद से साबरमती जेल प्रशासन ने दोषी अनिल यादव को फांसी देने की तैयारी भी तेज कर दी है.
साबरमती जेल के फांसी घर की मरम्मत की जा रही है, लेकिन गुजरात में जल्लाद की नियुक्ति नहीं की गई है. इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि निर्भया के आरोपियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए बुलाए जाने वाले जल्लाद पवन ही इस आरोपी को भी फांसी पर चढ़ा सकते हैं.
अब अगर किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं आती है, तो दोषी अनिल यादव को 29 फरवरी को फांसी दे दी जाएगी. फांसी घर का इस्तेमाल पिछले 66 वर्षों से नहीं किया गया है, इसलिए इसके मरम्मत का काम हाउसिंग बोर्ड को दिया गया है. एक ओर हाउसिंग बोर्ड फांसी घर की मरम्मत कर रही है, तो दूसरी ओर फांसी के लिए डॉक्टर समेत पैनल को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.