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बिहार विधान परिषद के लिए 7 एमएलसी का हुआ निर्विरोध निर्वाचन, सबसे ज्यादा सीट जीतकर भी राजद रहेगी नंबर 3

बिहार विधान परिषद के लिए 7 एमएलसी का हुआ निर्विरोध निर्वाचन, सबसे ज्यादा सीट जीतकर भी राजद रहेगी नंबर 3

DESK. बिहार विधान परिषद की 7 सीटों के लिए सभी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. सोमवार को सभी नव निर्वाचित 7 एमएलसी को उनके प्रमाण पत्र सौपे गए. उम्मीदवारों के नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून थी लेकिन किसी भी भी उम्मीदवार के नाम वापस नहीं लेने से सभी का निर्विरोध निर्वाचन हुआ. सभी 7 उम्मीदवारों को निर्वाचन का प्रमाणपत्र सौंप दिया गया. 

सात सीटों में सबसे अधिक तीन सीट पर राजद के उम्मीदवार विजयी हुए. राजद की ओर से अशोक कुमार पांडेय, मुन्नी रजक और कारी सोहेब जबकि जदयू के दो उम्मीदवार आफाक अहमद खान और रवींद्र प्रसाद सिंह और भाजपा की ओर से हरि सहनी और अनिल शर्मा का निर्वाचन हुआ है. इन सदस्यों का कार्यकाल 22 जुलाई से अगले छह साल के लिए मान्य होगा.

निर्वाचन का प्रमाणपत्र सौंपे जाने के दौरान NDA उम्मीवारों के साथ भाजपा की ओर से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, जदयू की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे. वहीं राजद उम्मीदवारों के साथ तेजस्वी यादव या अन्य कोई बड़े नेता नहीं दिखे. 

हालांकि भले ही राजद के सबसे ज्यादा 3 उम्मदीवार एमएलसी बने बावजूद इसके विधान परिषद में सबसे बड़े दल के रूप में जदयू ही होगी. 2 उम्मीदवारों के जीतने के बाद जदयू के एमएलसी की संख्या 25 हो गई जो अभी 28 है. दरअसल जिन 7 सीटों पर चुनाव हुआ उसमें जदयू के 5 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. वहीं एक भाजपा और एक वीआईपी के सदस्य हैं. ऐसे में जदयू को 2 सीट जितने पर 3 सीटों का नुकसान हो रहा है जबकि भाजपा को 1 सीट का फायदा. वहीं सबसे बड़ा फायदा राजद को हुआ है जो तीन सीटों पर कब्जा करने जा रही है.

7 नये सदस्यों के सदन में आ जाने के बाद विधान परिषद में विभिन्न दलों के सदस्यों की संख्या भी बदल जाएगी. 22 जुलाई से सदन में जदयू 25,   भाजपा 23, राजद 14, कांग्रेस 4, सीपीआई 2, हम 1, रालोजपा 1 और निर्दलीय 5 रहेंगे. इस प्रकार 75 सदस्यीय विधान परिषद में जदयू सबसे बड़े के रूप में बनी रहेगी.

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