Desk. बड़ी खबर आंध्र प्रदेश से आ रही है, यहां के सीनियर माओवादी नेता रामकृष्ण उर्फ आरके की मौत हो गई है. नक्सलवादियों की तरफ से इसकी पुष्टी की गई है. वह 63 साल के थे और बीमार चल रहे थे. बताया जा रहा है कि उसकी मौत किडनी फेल होने की वजह से हुई है. उस पर 93 लाख रुपये का का इनाम था.
शांति वार्ता को किया था लीड
आरके ने सितंबर 2004 में आंध्र प्रदेश सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए नल्लामाला जंगल से नक्सल टीम का नेतृत्व किया था. 66 वर्षीय आरके गुंटूर जिले के तुमरूपेटा का रहने वाला था. वह आंध्र प्रदेश और ओडिशा में सुरक्षा बलों के टारगेट पर था. वह माओवादियों का आंध्र-ओडिशा सीमा (एओबी) क्षेत्रों में लाल सलाम के माओवादियों को निर्देशित करने वाला मुख्य शख्स था.
कई हमलों का था मास्टरमाइंड
वह आंध्रप्रदेश और ओडिशा दोनों राज्यों में प्रतिबंधित संगठन की ओर से किए गए कई जानलेवा हमलों का मास्टरमाइंड था. वह आंध्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के त्रिकोणीय सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों के लिए स्ट्रेटजी बनाने वाला टॉप लीडर था. उसने पीडब्लूयजी और एमसीसीआई के विलय और अन्य क्षेत्रों में इसके आधार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
37 जवानों की ली थी जान
वह 2003 में अलीपिरी में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर हमले का आरोपी है. इसके अलावा 2008 के बालीमेला में हुए जानलेवा हमले में भी वह शामिल था, जिसमें 37 विशेष बल के जवान मारे गए थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी के ससुर दग्गुबाती चेंचू रमैया और मलकानगिरी कलेक्टर का अपहरण समेत तमाम बड़ी वारदातों को मंजाम दिया. एनआईए ने भी से कई मामलों में लिस्टेड किया था.