DESK : लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बनी बीजेपी की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जिन छह निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ यहां बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी, उनमें तीन ने अपने समर्थन को वापस ले लिया है और कांग्रेस के खेमे में चले गए हैं। तीन विधायकों के जाने के कारण अब हरियाणा में बीजेपी की नायब सरकार अल्पमत में आ गई है।
इन तीन विधायकों ने छोड़ा साथ
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में रोहतक में निर्दलीय विधायकों पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा कि वो सरकार की नीतियों से खुश नहीं थे इसलिए बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।
यह है सीटों की स्थिति
हरियाणा में 90 विधानसभा सीट है। जिसमें बहुमत के लिए 46 विधायकों का समर्थन होना जरुरी है। बीजेपी के पास 41 विधायक हैं। जबकि छह निर्दलीय विधायकों के साथ उन्होंने यहां अपनी सरकार बनाई थी। लेकिन, तीन निर्दलीय विधायकों की ओर से बीजेपी से समर्थन वापस लिए जाने के बाद हरियाणा में बहुमत का गणित बिगड़ गया है। अब यहां सैनी सरकार के पास सिर्फ 44 विधायक रह गए हैं।
10 विधायक बीजेपी के संपर्क में
यहां मचे सियासी घमासान के बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि किसी वक्त में हरियाणा में बीजेपी सरकार की सहयोगी रही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 में से 7 विधायक इस वक्त अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं और अंदरखाने बीजेपी के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
विधानसभा में वोटिंग होने की स्थिति में या तो ये 7 विधायक क्रॉस वोट करके बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं या फिर वोटिंग से गैर-हाजिर होकर बीजेपी के लिए विश्वासमत हासिल करने के लिए जरूरी विधायकों की संख्या को कम करने में मदद कर सकते हैं।