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एक पीएम आवास के लिए लेते हैं 10 हजार कमीशन, बोला वार्ड सदस्य पति - इसमें सबके हिस्से का होता है बंटवारा

एक पीएम आवास के लिए लेते हैं 10 हजार कमीशन, बोला वार्ड सदस्य पति - इसमें सबके हिस्से का होता है बंटवारा

SUPAUL :-  साहब लेते तो है पर हम नही रखते हैं रुपये वसूल कर आवास सहायक को देते हैं .हम तो जनता के काम करते इस लिए हम दुवारा चुनाव जीते हैं, लिए जाते पैसे में मुखिया से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी तक बांटे जाते हैं. सुनने में तो बड़ी अजीबों जैसा लगा होगा. लेकिन यह कहानी नहीं यह सच्चाई है. यह कोई आम आदमी नहीं है यह त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र के मानगंज पश्चिम पंचायत वार्ड नंबर  8 के चुने हुए नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य सावित्री देवी के पति युक्ती लाल सरदार है. जो प्रधानमंत्री आवास दिलाने में दस हजार रूपये में ठेका लेते हैं वहीं इनके द्वारा अवैध वसूली करने की जानकारी मिलने पर हमारे संवाददाता ने वार्ड सदस्य पति युक्ति लाल सरदार से बात की  तो वार्ड  स्दसय पति ने बहुत बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा एक प्रधानमंत्री आवास पर दस हजार में ठेका लिए जाते हैं उसी के अवज में लाभार्थी को प्रधानमंत्री आवास की पूरा पैसा मुहैया कराई जाती है।

दस हजार मे  कहां-कहां बाटे जाते हैं

वही वार्ड सदस्य पति ने बताया कि लाभार्थी को पहली किस्त चालीस हजार भेजा जाता है, उस चालीस हजार में से लाभार्थी से हम लोग दस हजार रूपये लेते हैं. वही लिए गए दस हजार में लाभार्थी का तीनों किस्त मुहैया करा दिया जाता है. उन्होंने यह भी बताया पुराना घर पर भी प्रधानमंत्री आवास का पैसा दिला देते हैं. उस दस हजार  में से आवास सहायक संजय कुमार साह एवं मुखिया सहित उपर  तक को दिए जाते हैं. मेरे पास कुछ नहीं बचता है. हम पब्लिक का कार्य करते इसलिए दोबारा चुनाव जीते हैं।

 इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं इस तरह के जनप्रतिनिधि से क्या सरकार की चौमुखी विकास योजना की मंशा पूरी हो पाएगी।  सरकार इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर भले ही प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया मगर सिस्टम  वही पुराने ढर्रे  पर दिखाई पड़ रहा है. मोदी सरकार ने 2022 तक हर किसी को घर देने का लक्ष्य रखा सरकार की योजनाओं को कोई और नहीं बल्कि जुड़े दलाल और माफिया या अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।

जरूरतमंदों को पक्का मकान देने की सरकारी मंशा पर बिचौलियों और माफिया पानी फेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे. हैं नतीजा वास्तविक हकदार इससे वंचित हैं शासन-प्रशासन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का चयन भले ही पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. आवास सहायक संजय कुमार साह से पूछा गया उन्होंने कहां इन सब बातों को छोड़िए ना। क्या लगे हुए रहते

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