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नवादा का एक ऐसा स्कूल जो ठंड में खुले आसमान के नीचे चलने को है मजबूर

नवादा का एक ऐसा स्कूल जो ठंड में खुले आसमान के नीचे चलने को है मजबूर

Nawada: सदर प्रखंड के मोतनाजे गांव में जहां 2010 से नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. वो भी खुले आसमान के नीचे। इस स्कूल की कक्षाएं खुले आसमान के नीचे धूप, हवा और पानी के बीच में संचालित की जा रही है। विद्यालय के इस तरह से संचालन का कारण बस एक ही है. वो है विद्यालय का अपना भवन न होना। इसके स्थापना के बाद से आजतक इस विद्यालय का अपना भवन तैयार नहीं हो सका। जिसके कारण बच्चों को खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है।

बिहार में हर साल शिक्षा एवं उसके व्यवस्था में सुधार लाने के लिए करोड़ों खर्च किया जाता है. मगर तस्वीर इस बात की पोल खोल रही है। ग्रामीणों का भी कहना है कि कई बार अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया. मगर आजतक उनकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया। स्कूल के शिक्षक इस बात को कई बार अपने विभाग के साथ-साथ जिला प्रसाशन के अधिकारियों के समक्ष रख चुके है. मगर इसका आजतक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। उनके अनुसार जिस जगह पर यह विद्यलाय संचालित की जा रही है, वह सार्वजनिक भूमि है इसलिए वहां भवन नहीं बनाया जा सकता है। बच्चे इसी व्यवस्था में पढ़ने को मजबूर है। 

क्या गर्मी, बरसात और सर्दी बच्चे अब ऐसी परिस्थिति में पढ़ने को आदि हो गए है। भवन नहीं होने से बच्चों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एमडीएम दूसरे जगह बनाई जाती है। शौचालय के लिए बच्चों को खेत मे जाना पड़ता है, खासकर लड़कियों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। कई प्रकार की समस्या होने के बाद भी बच्चे पढ़ने को मजबूर है एवं विषम परिस्थिति रहने के बाद भी विद्यालय में बच्चे अच्छी संख्या में आते है। अगर स्कूल को अपना भवन मिल जाता है तो बच्चे एक अच्छे माहौल में शिक्षा ग्रहण कर सकते है। अब देखने वाली बात होगी कि कबतक इस विद्यालय को अपना भवन नसीब होता है या इसी तरह खुले आसमान के नीचे चलता रहता है। नवादा के इस विद्यालय में टीचर भी मजबूर होकर पढ़ा रहे हैं शिक्षा विभाग को किसी तरह का कोई परवाह ही नहीं है।

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